इसरो की टीम में हैं शामिल, सफलता से परिजनों के साथ क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर
Bengabad (giridih) : इसरो मिशन चंद्रयान-3 में शामिल वैज्ञानिकों की टीम में गिरिडीह जिले के बेंगाबाद के युवा साइंटिस्ट कुमार रविकांत भी हैं. चंद्रयान के प्रक्षेपण से लेकर चांद पर सफल लैंडिंग कराने तक में कुमार रविकांत ने अहम भूमिका निभाई है. बुधवार 23 जुलाई की शाम जब चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग हुई, तो कुमार रविकांत के परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. साथ ही पूरे इलाके में भी हर्ष का माहौल है. कुमार रविकांत के परिवार वालों को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.
लोगों ने कहा कि यह सिर्फ बेंगाबाद ही नही बल्कि पूरे देश के लिये गौराव का क्षण है. देश की इस ऐतिहासिक उपलब्धि में बेंगाबाद के लाल ने अपनी भूमिका निभाई है. कुमार रविकांत की मां सरोज देवी और भाई उज्जवल कुमार ने कहा कि उनके लाडले ने गौरव पूर्ण कार्य किया है. परिवार के सभी सदस्य इतने खुश हैं कि इसे जाहिर नहीं कर पा रहे हैं.
शुरू से ही मेधावी थे रविकांत, बचपन में ही सिर से उठ गया पिता का साया

कुमार रविकांत शुरू से ही काफी मेघावी छात्र थे. बचपन में ही इनके सिर से पिता का साया उठ गया, लेकिन हिम्मत नहीं हारा. रविकांत के पिता तालेवर राम बेंगाबाद चौक पर टेलर की दुकान चलाते थे. रविकांत ने अपनी हाई स्कूल की पढ़ाई बेंगाबाद से की. इसके बाद उनका चयन जवाहर नवोदय विद्यालय में हुआ. नवोदय से 12वीं पास करने के बाद इनका चयन आईआईटी में हुआ और आईआईटी खगड़पुर से बीटेक की पढ़ाई की. खगड़पुर में पढ़ाई के दौरान ही इनका चयन इसरो के लिए हो गया. इसके बाद जुलाई 2016 से यह इसरो में बतौर वैज्ञानिक अपनी सेवा दे रहे हैं.
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से लेकर लैंडिंग तक रहे सक्रिय
युवा वैज्ञानिक कुमार रविकांत ने बताया कि इसरो में सेवा देने के दौरान उन्होंने चंद्रयान-2 के परीक्षण में भी अपनी भूमिका निभाई थी. लेकिन दुर्भाग्यवश चंद्रयान2 की सफल लैंडिंग नहीं हो सकी. उन्होंने कहा कि आज भी देश वासियों की आंखों में आंसू हैं, मगर ये खुशी के आंसू हैं. चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से लेकर लैंडिंग तक तक वह इसरो के वैज्ञानिकों की टीम के सदस्य के रूप में सक्रिय रहे. उन्होंने चंद्रयान की सफल लैंडिंग को देश के लिए गौरव का पल बताया.
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