Giridih : गिरिडीह (Giridih)– गांडेय प्रखंड मुख्यालय में वर्ष 2003 में तैयार महिला विज्ञान प्रौद्योगिकी संस्थान का भवन रखरखाव के अभाव में जर्जर हो रहा है. इसका निर्माण बगैर यूनिट स्वीकृति के किया गया था. तत्कालीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री समरेश सिंह ने इसका शिलान्यास किया था. करोड़ों की लागत से तैयार यह संस्थान अब जानवरों और शराबियों का अड्डा बना हुआ है. भवन बनने के बाद सभी कमरों में क्लास के लिए टेबल, कुर्सी, बेंच, लैब के सामान, फर्नीचर, बिछावन रख दिए गए. रखरखाव के अभाव में ये सामान धीरे-धीरे बर्बाद हो रहा हैं. बिछावन सड़ रहा है. लैब में रखे सामान लगभग बर्बाद हो चुका है.
इस संबंध में जेएमएम विधायक डॉ. सरफराज अहमद ने कहा कि झारखंड-बिहार के बंटवारा से पूर्व बिहार सरकार ने गांडेय में इस संस्थान की स्थापना का निर्णय लिया था. झारखंड अलग राज्य बनने के बाद इसका शिलान्यास किया गया. भवन तैयार होने के बाद पढ़ाई-लिखाई शुरू नहीं हुई. सीएम हेमंत सोरेन से संस्थान में पढ़ाई-लिखाई शुरू कराने की बातचीत की जाएगी.
बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष यदुनंदन पाठक का कहना है कि बगैर यूनिट स्वीकृति के इस संस्थान का निर्माण किया गया. इसमें महिलाएं तकनीकी शिक्षा पाती. इसके बनने से गांडेय के लोगों को रोजी-रोजगार की भी उम्मीद जगी थी. संस्थान की दुर्गति को देखकर लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर चुका है. राज्य सरकार नई तकनीकी संस्थान खोल रही है. जो पहले से बनकर तैयार ही, उसे बचाया नहीं जा रहा है. सरकार को चाहिए कि इस संस्थान को चालू करे.
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