Giridih : अधिवक्ता संघ के महासचिव सह सहकार भारती के जिला अध्यक्ष चुन्नूकांत ने कहा है कि सहकारी समितियां जिले की तस्वीर बदल सकती है. झारखंड में सहकारी समितियों से असीम संभावनाएं हैं. लोग अभी भी इन समितियों को हल्के में ले रहे हैं. सरकारी हस्तक्षेप कम हो तभी सरकारी समितियां ठीक से कार्य कर पाएगी. अत्यधिक हस्तक्षेप से कार्य पर नकारात्मक असर पड़ता है. सहकारी समितियों को बढ़ावा देने से मजूदरों के पलायन पर रोक लगेगा. स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि राज्य में सर्वाधिक कामगार गिरिडीह जिले से पलायन करते हैं. इन कामगारों का खोज खबर लेने वाला कोई नहीं. हैदराबाद में धनबार व जमुआ प्रखंड के करीब चालीस हजार मजदूर काम कर रहे हैं. इन मजदूरों के आंकड़े सरकारी दस्तावेज में नहीं है. गुजरात और महाराष्ट्र में कई नामचीन हस्तियां सहकारिता आंदोलन की उपज हैं. गुजरात में अमूल जैसी बड़ी कंपनियां सहकारिता समिति संचालित करती है. झारखंड में भी सहकारी समितियों को बढ़ावा देने से राज्य की समस्याओं का हल होगा.
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