Giridih : सहियाओं के कथित आतंक से घबराकर स्वास्थ्य महकमा अब आला अधिकारियों से चैताडीह शिशु कल्याण केंद्र में सुरक्षा की गुहार लगा रहा है. सिविल सर्जन डॉ. एसपी मिश्रा ने गुरुवार को डीसी नमन प्रियेश लकड़ा व एसपी दीपक कुमार शर्मा को पत्र लिखकर चैताडीह में चाक-चौबंद सुरक्षा की मांग की है. मालूम हो कि चैताडीह में सहियाओं में अस्पताल आने वाली गर्भवती महिलाओं को बहला-फुसलाकर स्थानीय नर्सिंग होम में ले जाने की होड़ मची रहती है. इसके लिए नर्सिंग होम से सहियाओं को कमीशन के रूप में मोटी राशि मिल जाती है. डॉ. मिश्रा ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था होने पर सहियाओं को बगैर मरीज के अंदर आने की अनुमति नहीं होगी.
यहां काबिले गौर है कि मरीजों को बहला-फुसला कर ले जाने वाली सहियाओं पर अंकुश के लिए कई उपाय किए गए हैं, पर इसमें सुधार अब तक नहीं हुआ. इस बार सिविल सर्जन डॉ. मिश्रा ने हर हाल में अवांछित तत्वों के चैताडीह में प्रवेश पर रोक लगाने की ठानी है. मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षा के लिए कम से कम दर्जन भर होमगार्ड जवानों को रखा जाएगा. गार्ड के अलावा सीसीटीवी कैमरों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी.
मृत मरीज के परिजनों को मिला 7:50 लाख रुपए मुआवजा
चैताडीह स्थित जनता हॉस्पिटल में बुधवार को महिला मरीज की मौत मामले में पीड़ित परिजनों को अस्पताल प्रबंधन की ओर से 7:50 लाख रुपए मुआवजा दिया गया. कांग्रेस व झामुमो के स्थानीय नेताओं की पहल के बाद अस्पताल प्रबंधन और पीड़ित परिवार के बीच गुरुवार को करीब 3 घंटा समझौता वार्ता हुई. विदित हो कि बुधवार को बेंगाबाद प्रखंड के जीरुआडीह की रहने वाली मुस्कान खातून की मौत जनता हॉस्पिटल में इलाज के दौरान हो गई थी. इसके बाद परिजनों ने जमकर बवाल किया था. समझौता वार्ता में अस्पताल प्रबंधन, युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष हसनैन अली, स्थानीय मुखिया विश्वनाथ साहू सहित कई लोग मौजूद थे.
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