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गिरिडीह : बूटबरिया के प्रवासी मजदूर प्रेम बास्के का शव घर पहुंचा

परिजनों के चित्कार से दहला गांव, देर शाम दफनाया गया शव
Tisri (Giridih) : तिसरी प्रखंड मुख्यालय के समीप स्थित बूटबरिया गांव के प्रवासी मजदूर प्रेम बास्के का शव 18 अगस्त को उसके घर आते ही परिजनों के चित्कार से माहौल गमगीन हो गया. घटना की खबर पर परिजन बेंगलुरु पहुंचे, जहां पुलिस ने कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद परिजनों को शव सौंप दिया. इसके बाद परिजन कार्गो प्लेन से शव को लेकर रांची पहुंचे. वहां से एंबुलेंस से शव को मृतक के आवास लाया गया. शव के घर ले जाते ही चीत्कार से पूरा गांव दहल उठा. जिसके बाद ईसाई रीति - रिवाज़ से प्रेम का अंतिम संस्कार किया गया.

दो दिन पहले कमाने गया था बेंगलुरू

विदित हो कि प्रेम बास्के बेंगलुरु में रहकर मजदूरी करता था। 15 दिन पूर्व ही वह अपने घर आया था. बीते 13 अगस्त को वह पुनः बेंगलुरु के लिए निकला लेकिन 15 अगस्त को बेंगलुरु पहुंचते ही उसने अपनी पत्नी अनिता सोरेन को फोन कर रोते हुए पुलिस स्टेशन जाने की बात कही. इतना कहते ही फोन कट गया और फिर अनीता से दुबारा उसकी बात नहीं हो सकी. थोड़ी देर बाद बेंगलुरु पुलिस ने अनिता के मोबाईल पर फोन कर उसके पति के घायल होने की सुचना दी. कुछ देर बाद ही उसी नंबर पर बेंगलुरु पुलिस दुबारा फोन कर प्रेम की मौत की खबर दी. इस घटना की जानकारी मिलने पर तिसरी के मुखिया किशोरी साव व भाजपा नेता सोनू हेंब्रम ने पीड़ित के घर पहुंचकर मामले की जानकरी ली थी. साथ ही शव मंगवाने और मामले की जांच के लिए बाबूलाल मरांडी से अनुरोध करने की बात कही थी. जिसके बाद शव को लाने के लिए परिजन यहां से रवाना हुए थे.

शव मंगवाने का श्रेय लेने को भाजपा व जेएमएम में मची होड़

तमाम परेशानियों के बाद मृतक प्रेम बास्के का शव उसके घर पहुँचे गया. इधर बेंगलुरु से शव मंगवाने का श्रेय लेने के लिए भाजपा व जेएमएम के बीच होड़ मची हुई है. एक ओर भाजपा नेता सोनू हेमब्रम का कहना है कि उन्होंने बाबूलाल मरांडी से बात कर शव मंगवाने का अनुरोध किया था. जिसे तत्काल गंभीरता से लेते हुए बाबूलाल मरांडी ने कर्नाटक सरकार से बात की और तत्काल अपने खर्च पर शव को मंगवाया. वहीं दूसरी ओर जेएमएम प्रखंड अध्यक्ष रिंकू बर्णवाल का कहना है कि गिरिडीह विधायक सुदिव्य सोनू के प्रयास से शव को मंगवाया गया. हालांकि इस मामले में प्रेम बास्के की पत्नी अनिता सोरेन ने बताया कि बाबूलाल मरांडी के सहयोग से ही शव को प्लेन से रांची और रांची से तिसरी मंगवाया जा सका है. यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=733826&action=edit">यह

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