Giridih : राज्य में हर सप्ताह बदलते राजनीतिक हालात को लेकर कांग्रेस के नए जिलाध्यक्ष की घोषणा नहीं की जा रही है. जिलाध्यक्ष के घोषणा की बारी आते ही कुछ न कुछ राजनीतिक हलचल तेज हो जाती है. घोषणा में विलंब होने से जिलाध्यक्ष पद के दावेदारों को राजनीतिक बिसात बिछाने का मौका मिल रहा है. कई दावेदार दिल्ली तक की दौड़ लगा आए. बंगाल कैस कांड में झारखंड के तीन कांग्रेसी विधायकों के फंसने के बाद जिलाध्यक्ष पद घोषणा का मामला अटक गया. तीनों विधायकों को जमानत मिलने के बाद संभावना थी कि अगस्त के अंतिम सप्ताह में नए जिलाध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी. इसी बीच राज्य में नया राजनीतिक भूचाल आया है.
जिलाध्यक्ष की घोषणा नहीं होने से कांग्रेस के निर्धारित कार्यक्रमों पर भी असर पड़ रहा है. महंगाई पर चौपाल कार्यक्रम पर खास असर देखा गया. चौपाल कार्यक्रम 26 अगस्त तक चलना था, लेकिन राजनीतिक हालात के कारण 2 दिन पूर्व ही अघोषित रूप से समाप्त कर दिया गया.
गिरिडीह से रांची तक हुई उम्मीदवारों की परीक्षा
जिलाध्यक्ष पद के दावेदारों की गिरिडीह से लेकर रांची तक परीक्षा ली गई. गिरिडीह जिले के विभिन्न पंचायतों में कांग्रेसी की अलग-अलग मोर्चा गठित हैं. अलग-अलग मोर्चा के पदाधिकारियों एवं प्रखंड अध्यक्षों से राय ली गई. पद के दावेदारों में शामिल अजय कुमार सिन्हा, सतीश केडिया, धनंजय सिंह, अशोक विश्वकर्मा तथा महसर इमाम को रांची में परीक्षा देनी पड़ी. नए जिलाध्यक्ष की घोषणा होने के बाद पार्टी कार्यक्रमों को धार देने की जिम्मेवारी उनकी होगी. कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को नए जिलाध्यक्ष की घोषणा का बेसब्री से इंतजार है.
यह भी पढ़ें : गिरिडीह : 5 माह बाद भी बच्चों के कोरोना टीकाकरण में लक्ष्य हासिल नहीं