रांची की टीम से लगी फटकार के बाद भी नहीं बदले हालात
Abhay Verma / Giridih : गिरिडीह के सदर अस्पताल में 5 लाख रुपये की डेंटल चेयर विगत 5 साल से रखरखाव के अभाव में खराब हो गई. यहां 2018 में डेंटल केयर चेयर खरीदी गई थी पर जरूरी अन्य सामान नहीं खरीदी गई. उपयोग न होने से इस डेंटल चेयर का कंप्रेसर खत्म हो गया और आज यह बेकार साबित हो रही है. दूसरी ओर सदर अस्पताल में फिलहाल नाम की ओपीडी चल रही है. दंतचिकित्सक मरीज को केवल दवा लिख दे रहे हैं. इस 5 लाख की डेंटल चेयर पर बैठकर किसी का दांत नहीं निकाला गया. दिखाने के लिए मशीन तो खरीद ली गई पर कई जरूरी सामान अब तक खरीदे नहीं गए. परेशानियां आने वाले मरीजों को हो रही है. दांत निकलवाना हो या उसका इलाज करना हो तो लोगों को निजी क्लीनिक का सहारा लेना पड़ रहा है, जिसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है.
ओपीडी में हर दिन पहुंचते हैं 25 से 30 मरीज
सदर अस्पताल के दंत विभाग के ओपीडी में हर दिन 25 से 30 मरीज पहुंचते हैं, पर तैनात दंत चिकित्सक डॉ. मो. आसिफ राजा मरीजों को केवल एंटीबायोटिक व अन्य दवाएं देने के सलाह देकर चलता कर देते हैं. डॉ. रजा ने बताया कि कई जरूरी उपकरण नहीं है. दांतों में सूनापन लाने, उसकी सफाई व घिसाई करने की मशीन यहां उपलब्ध नहीं है. उन्होंने कहा कि आवश्यकता की सूची तैयार की जा रही है. सूची तैयार कर मुख्यालय भेजी जाएगी. उन्होंने भरोसा दिया कि सारे उपकरण उपलब्ध होने के बाद सदर अस्पताल में ही बेहतर इलाज की जाएगी.
राज्य स्तरीय टीम ने जताई थी नाराजगी
मालूम हो कि 18 अगस्त को रांची से गिरिडीह सदर अस्पताल पहुंची राज्य स्तरीय टीम यहां के डेंटल विभाग की स्थिति पर नाराजगी जताई थी. एनएचएम के निदेशक तो इतने नाराज हुए थे कि प्रबंधन को साफ कहा था कि यहां व्यवस्था सुधार की चाहत ही नहीं है. ना फंड की कमी है और ना ही संसाधनों की, बावजूद गिरिडीह में स्वास्थ्य व्यवस्था रेंग रही है. वरीय अधिकारियों के फटकार के बावजूद व्यवस्था में सुधार की पहल भी नहीं देखी जा रही है.
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