Giridih : गिरिडीह सदर अस्पताल की व्यवस्था निराली है. नेत्र रोग विशेषज्ञ की जगह असिस्टेंट मरीज़ों के आंखों की जांच कर रहे हैं. जांच की मशीन पर नेत्र रोग विशेषज्ञ के बजाय असिस्टेंट काम करते हैं. आंख जैसे संवेदनशील अंग का इलाज सहायक करें, यह यहां की व्यवस्था पर बड़ा सवाल है. जानकारी के अनुसार हाल के दिनों तक सदर अस्पताल में तीन नेत्र रोग विशेषज्ञ पदस्थापित थे. पर दो के ट्रांसफर के बाद फिलहाल डॉ वीरेंद्र कुमार एकमात्र नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं. बता दें कि नेत्र रोग विशेषज्ञ से सदर अस्पताल के इमरजेंसी में ड्यूटी कराई जाती है.
‘डॉक्टर बाबू’ भी हैं लाचार
डॉ.वीरेंद्र कुमार ने बताया कि लोगों की बार-बार की शिकायत के बाद उन्होंने सिविल सर्जन से इस मसले पर विरोध भी जताया था. जिसके बाद कुछ सप्ताह के लिए डॉक्टर कुमार की ड्यूटी इमरजेंसी में नहीं दी गई. लेकिन पिछले कुछ दिनों से दोबारा डॉ.वीरेन्द्र कुमार को इमरजेंसी में लगाया जा रहा है.
मरीज़ हो रहे परेशान
सदर अस्पताल में सुबह से अपराह्न 3:00 तक 250 से 300 मरीज आते हैं, इनमें लगभग 50 आंख के मरीज होते हैं. विशेषज्ञ चिकित्सक ना बैठने के कारण आंखों के गंभीर मरीजों को बगैर इलाज कराए वापस लौटना पड़ता है. हालांकि सामान्य मरीजों का इलाज का कार्य असिस्टेंट करते हैं. वो भी जांच कर केवल मरीजों को चश्मा का नंबर बताते हैं.
चिकित्सकों की कमी बड़ी वजह – सीएस
सिविल सर्जन डॉ.एसपी मिश्रा ने कहा कि पदस्थापना काल से ही लगातार पत्राचार किया जा रहा है. राज्य भर में चिकित्सकों की कमी है. नई नियुक्ति के बाद ही संभवत: गिरिडीह में चिकित्सकों की कमी दूर हो जाएगी.
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