Giridih : गिरिडीह (Giridih) पंचायत चुनाव की समाप्ति और परिणाम आने के बाद अब प्रमुख और उपप्रमुख के लिए तोड़जोड़ शुरू हो गई है. नव निर्वाचित पंचायत समिति सदस्यों को तरह-तरह का प्रलोभन दिया जा रहा है. पहले चरण में गांडेय, गिरिडीह और जमुआ में मतदान हुआ, जबकि दूसरे चरण में बेंगाबाद, गावां, तिसरी और देवरी प्रखंड में वोट डाले गए थे. इन प्रखंडों का चुनाव परिणाम आ गया है. अब यहां प्रमुख और उपप्रमुख बनने के लिए राजनीति शुरू हो गई है. तीसरे चरण में धनवार, बिरनी और सरिया प्रखंड में मतदान हुआ है. चौथे चरण में बगोदर, डुमरी और पीरटांड़ प्रखंड में वोट डाले गए हैं. इन दोनों चरण की मतगणना 31 मई को होगी. चुनाव परिणाम आने के बाद ही छह प्रखंडों में प्रमुख और उपप्रमुख के लिए गोलबंदी शुरू होगी.
जादुई आंकड़ा जुटाने के लिए प्रत्याशी कर रहे मेहनत
फिल्हाल सात प्रखंडों में तोड़-जोड़ तेज हो गई है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार गांडेय प्रखंड में पंचायत समिति सदस्य के 35 पद हैं. प्रमुख और उपप्रमुख बनने के लिए 18 सदस्यों के समर्थन की जरूरत है. बेंगाबाद में पंचायत समिति के 31 सदस्य हैं. प्रमुख और उपप्रमुख को 16 सदस्यों की जरूरत है. गिरिडीह प्रखंड में 42 सदस्य है और जीत के लिए 22 सदस्यों की आवश्यकता है. जमुआ में 54 सदस्य हैं और जीत के लिए 28 सदस्यों की जरूरत है. देवरी में 36 सदस्य हैं और जीत के लिए 19 की जरूरत है. गावां में 22 सदस्य हैं और जीत के लिए 12 सदस्यों की जरूरत है. तिसरी में 19 सदस्य हैं और जीत के लिए 10 सदस्यों के समर्थन की जरूरत है. इस जादुई आंकड़े को अपने पक्ष में करने के लिए प्रमुख और उपप्रमुख के संभावित प्रत्याशी दिन रात मेहनत कर रहे हैं.
गांडेय, बेंगाबाद में पंस को करा रहे बड़े शहर की सैर
सभी प्रखंडों में प्रमुख और उपप्रमुख के संभावित दावेदार पंचायत समिति सदस्यों को तरह तरह के प्रलोभन दे रहे हैं. गांडेय में प्रमुख पद अनारक्षित अन्य श्रेणी में रखा गया है. बेंगाबाद अनारक्षित महिला, गिरिडीह आरक्षित एससी महिला, जमुआ अनारक्षित अन्य, देवरी अनारक्षित महिला, गावां ओबीसी महिला और तिसरी प्रखंड में प्रमुख पद अनारक्षित अन्य श्रेणी में रखा गया है. सूत्रों का कहना है कि इन प्रखंडों में प्रमुख पद पर कब्जा जमाने के लिए घमासान मचा हुआ है. गांडेय और बेंगाबाद प्रखंड में प्रमुख पद के दावेदार कई पंचायत समिति सदस्यों को किसी बड़े शहर की सैर कराने ले गए हैं. सूत्र बताते हैं कि प्रमुख और उपप्रमुख बनने के लिए पहुंच, पैरवी और पैसे का जबरदस्त खेल चल रहा है. प्रमुख और उपप्रमुख के चुनाव की तिथि भी जारी नहीं हुई है. इस संबंध में जिले के अधिकारी भी कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं.
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