Giridih : आगामी 13 अप्रैल को झाविमो के पूर्व विधायक चंद्रिका महथा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर लेंगे. 13 अप्रैल को कांग्रेस की जय भारत सत्याग्रह यात्रा भी गिरिडीह में निकलेगी. सत्याग्रह में भाग लेने के लिए कांग्रेस के झारखंड प्रभारी अविनाश पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर समेत पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता गिरिडीह आएंगे. कभी झामुमो के कद्दावर नेता रहे चंद्रिका महथा 2006 के राजनीतिक बवंडर में बाबूलाल मरांडी की पार्टी झाविमो में शामिल हो गए थे. विगत विधानसभा चुनाव से पूर्व झाविमो का विलय भाजपा में कर दिया गया. चंद्रिका ने भाजपा में जाने से परहेज किया. विलय के बाद वह किसी दल में शामिल नहीं हुए. कांग्रेस में शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर महथा ने बताया कि वे 13 अप्रैल से नई राजनीति पारी की शुरुआत करेंगे.
बता दें कि 2009-14 तक चंद्रिका महथा ने जमुआ विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उन्हें चुनाव में लगातार दो बार हार मिली. 2019 के विधानसभा चुनाव में जमुआ सीट से कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद दल के अंदरखाने विकल्प तलाशी जा रही थी. कांग्रेस ने डॉ. मंजू कुमारी को प्रत्याशी बनाया था. चुनाव में वह पराजित हो गई. कांग्रेसियों को उम्मीद थी कि डॉ. मंजू कुमारी की जीत निश्चित होगी. कांग्रेसी उनकी हार पचा नहीं सके. जमुआ सीट के लिए नौसिखिए की जगह किसी अनुभवी नेता की तलाश पार्टी कर रही थी. चंद्रिका महथा को पार्टी में शामिल होने पर एक मजबूत व अनुभवी नेता मिल जाएगा.
डॉ. मंजू की राह कठिन
अब तक डॉ मंजू जमुआ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की एकमात्र कद्दावर नेता समझी जाती थीं. चंद्रिका महथा के कांग्रेस में शामिल होने पर डॉ. मंजू के लिए राह आसान नहीं होगा. 2019 के विधानसभा चुनाव में यूपीए गठबंधन के तहत जमुआ विधानसभा सीट कांग्रेस के पाले में गई थी. डॉ. मंजू पार्टी को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया, लेकिन वे चुनाव हार गई. चुनाव की कमान गिरिडीह के दो वैसे नेताओं को दिया गया, जिनकी क्षेत्र में पकड़ नहीं थी. इसका फलाफल यह निकला कि पक्ष में हवा बहने के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार को शिकस्त मिली. हालांकि चंद्रिका के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा के बाद से विरोधी खेमा सक्रिय हैं. यह खेमा हर संभव कोशिश कर रहा है कि वे कांग्रेस में शामिल न हों. कांग्रेसी सूत्रों के अनुसार विरोधी खेमा के हाथ पाव मारने से कुछ नहीं होगा. अब काफी देर हो चुकी है. चंद्रिका से अंतिम दौर की बातचीत हो चुकी है. वे पार्टी में शामिल होंगे. महथा को मजबूत राजनीतिक जमीन की तलाश है. वहीं कांग्रेस को भी मजबूत उम्मीदवार की तलाश है.
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