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गिरिडीह : त्योहारी मौसम में  सब्जियों व फलों के दाम में बेतहाशा वृद्धि, रोजेदार परेशान

Giridih : त्योहार के मौसम में सब्जियां व फलों के दाम में बेतहाशा वृद्धि हुई है. सब्जियों के अलावा चना दाल, बेसन और मूंग की कीमतें भी आसमान छू रही है. इससे रसोई के जायके पर खास असर पड़ा है. अभी रमजान का महीना भी चल रहा है. दाम बढ़ने से रोजेदारों को परेशानी हो रही है. दिन भर रोजा रखने के बाद रोजेदार शाम के वक्त इफ्तार करते हैं. इफ्तार में सेव, केला, अंगूर, चना, पकौड़ा, बेदाना, संतरा खाने का रिवाज है. इफ्तार के बाद रात के खाने में रोजेदार हरी सब्जियां पसंद करते हैं. फलों और सब्जियों के दाम बढ़े होने से रोजेदारों को दिक्कतें हो रही है. खाने के प्लेट से हरी सब्जियां गायब हो चुकी है. फिलहाल भीषण गर्मी में सब्जियों, फलों और दालों के दाम कम नहीं होने जा रहा. गिरिडीह बाजार में इन दिनों सब्जियों और फलों के दाम ये हैं- अंगूर 100 रुपये प्रतिकिलो, सेव 130 से 240 रुपये, संतरा 120 से 160 रुपये, केला 60 रुपये दर्जन, बेदाना 120 से 160 रुपये, हरी सब्जियों के प्रतिकिलो दाम- भिंडी 60 रुपये प्रतिकिलो, नेनुआ 40 रुपये, झींगा 50 रुपये, पटल 60 रुपये, हरी मिर्च 80 से 100 रुपये, टमाटर 25 से 30 रुपये, धनिया पत्ता 50 से 60 रुपये, फूल गोभी 50 रुपये प्रति पीस, बंधा गोभी 30 रुपये किलो, गाजर 40 रुपये, खीरा 30 रुपये, कटहल 30 रुपये, मूली 30 रुपये, कद्दू 20 से 25 रुपये, पालक 20 रुपये, पपीता 60 रुपये, बैंगन 40 रुपये, चना 63 रुपये, चना दाल 68 रुपये, मूंग 90 रुपये और बेसन 90 रुपये किलो. 10 अप्रैल को रामनवमी भी है. पूजा-अर्चना में फल और मिठाइयों की जरूरत पड़ती है. फलों के दाम बढ़ा होने से पूजा-अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी होगी. जेएमएम व बीजेपी ने एक दूसरे को ठहराया जिम्मेवार सब्जियों, फलों और दालों के दाम में बढ़ोतरी के लिए जेएमएम विधायक डॉ. सरफराज अहमद ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को जिम्मेवार ठहराया है. उन्होंने कहा कि महंगाई पर सरकार का नियंत्रण नहीं रह गया है. नरेंद्र मोदी सरकार ने महंगाई मामले में हाथ खड़े कर दिए हैं. दूसरी तरफ बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष यदुनंदन पाठक ने मूल्य वृद्धि के लिए राज्य की हेमंत सरकार को जिम्मेवार ठहराया है. उनका कहना है कि हेमंत सरकार ने किसानों को हतोत्साहित किया है. राज्य में जेएमएम की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना बंद कर दी गई. इस वजह से किसानों को खेती में रुचि कम हो गई. खेती नहीं होने से सब्जियों और अन्य खाद्य पदार्थों के दाम बढ़े हैं. यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=285649&action=edit">यह

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