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Giridih : गिरिडीह शहरी क्षेत्र में लाखों की लागत से तैयार सामुदायिक शौचालयों की दुर्गति हो रही है. ज्यादातर शौचालयों में ताले लटक रहे हैं, अंदर में गंदगी का अंबार लगा है. ऐसा भी नहीं है कि ताले एक-दो महीने के दरम्यान लगाए गए हैं. पांच वर्षों से ताले लटक रहे हैं. ताले क्यों नहीं खोले जा रहे है, इसपर सवाल उठाने वाला कोई नहीं है?
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी राजीव कुमार मिश्र के निर्देश पर शहरी क्षेत्र में 7 स्थानों पर 20 सीटों वाले सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया था. बस स्टैंड स्थित शौचालय को छोड़कर सभी बंद पड़े हैं. हर शौचालय पर 24 . 5 लाख की लागत आई थी. लाखों की राशि खर्च के बावजूद इसका इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा यह समझ से परे हैं? सभी शौचालयों में पानी की व्यवस्था के लिए तीन-तीन टंकी लगाए गए हैं. पाइप कनेक्शन भी है. हुट्टी बाजार सामुदायिक शौचालय का उद्घाटन 11 नवंबर 2017 को किया गया था. इसके बाद नगर परिषद् ने बिना किसी प्लानिंग के अन्य जगहों में शौचालयों का निर्माण कराया. शौचालयों में बाहर से ताले लगे हैं और अंदर गंदगी पसरी है.
इस संबंध में पूछे जाने पर नगर निगम के प्रभारी महापौर प्रकाश राम ने बताया कि मेरे कार्यकाल से पूर्व इन शौचालयों का निर्माण किया गया था. किस सोच के तहत इसका निर्माण किया गया यह मुझे नहीं पता. इस बात की जानकारी जिन्होंने निर्माण कराया उन्हीं से पूछा जाए.
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