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Giridih : शहर के सिरसिया स्थित बीएनएस डीएवी स्कूल में 12 फरवरी को आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200 वीं जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई. इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरी निकाली. स्कूल के प्रचार्य समेत शिक्षकों वे स्कूली बच्चों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण किया. यज्ञ-हवन का भी आयोजन किया गया. प्रभात फेरी विद्यालय परिसर से निकलकर सिरसिया होते हुए वापस विद्यालय पहुंची. महर्षि दयानंद के परिधान को धारण किए स्कूल के एक छात्र अपूर्व अक्षत प्रभात फेरी में आगे-आगे चल रहे थे. शेष छात्र उसके पीछे जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे.
डीएवी झारखंड जोन के क्षेत्रीय निदेशक सह प्राचार्य डॉ. पी हाजरा ने महर्षि दयानंद के जीवन पर प्रकाश डाला. कहा कि उन्होंने अपना जीवन समाज कल्याण के लिए समर्पित कर दिया. उन्होंने 1876 में स्वराज का नारा दिया. सत्यार्थ प्रकाश नामक किताब लिखी. भक्ति, ज्ञान, समाज सुधार और समाज के नैतिक उत्थान पर जोर दिया. उनका लक्ष्य समाज को अंधविश्वास की जकड़न से मुक्त कर वेदों की ओर लौटाना था. यही कारण है कि उन्होंने वेदों की ओर लौटो का नारा दिया.
प्रभात फेरी के बाद स्कूल में ही यज्ञ-हवन किया गया, जिसमें विद्यालय के शिक्षकों समेत सभी छात्र शामिल हुए. यज्ञ-हवन के बाद स्कूल छात्रा रिया कुमारी, अंबा श्रीरमन एवं प्राची ने महर्षि दयानंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला.
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