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गिरिडीह : 23 माह बाद स्कूलों में मध्याह्न भोजन शुरू

Giridih : जिले के 3129 स्कूलों में 23 महीने बाद मध्याह्न भोजन शुरू हो गया है. इस योजना से 2 लाख 87 हजार 849 बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं. बताया जाता है कि कोरोना के कारण 17 मार्च 2020 से सरकारी स्कूल लगातार बंद था. 23 महीने बाद स्कूल परिसर में मध्याह्न भोजन को लेकर एक बार फिर चहल-पहल देखने को मिल रही है. स्कूल बंद रहने की अवधि में विद्यालय स्तर पर गठित माता समिति ने घर-घर जाकर बच्चों को चावल मुहैया कराया था. इस अवधि के भोजन की राशि समिति के खाते में भेजी गई थी. राज्य सरकार के निर्देश पर जिले के सभी 3129 स्कूलों को खोल दिया गया है. इस स्थिति में अब स्कूल में ही मध्याह्न भोजन बनने लगा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार कक्षा एक से पांच तक में 01 लाख 99 हजार 362 और कक्षा छह से आठ तक में 88 हजार 457 बच्चे हैं .  इस तरह कुल मिलाकर 2 लाख 87 हजार 849 बच्चों को मध्याह्न भोजन का लाभ मिल रहा है.

एमडीएम कोषांग को मध्याह्न भोजन संबंधी जानकारी

स्कूल के शिक्षकों द्वारा एमडीएम कोषांग को मध्याह्न भोजन संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है. इधर प्रत्येक दिन का मेनू भी तय है. उपलब्ध आवंटन से ही कक्षा एक से पांच तक के छात्रों को पतिदिन एक सौ ग्राम और कक्षा छह से आठ के प्रति छात्र को प्रतिदिन 150 ग्राम चावल से एमडीएम बनाने का निर्देश दिया गया है. एक महीने में अधिकतम 25 दिन ही एमडीएम बनाने का निर्देश है. सप्ताह में प्रत्येक दिन भोजन का रूटीन तय है. तय रूटीन के मुताबिक सोमवार को दाल, चावल और सब्जी, मंगलवार को चना, सब्जी और चावल, बुधवार को मिक्स वेज बिरयानी, गुरुवार को चावल, दाल और सब्जी, शुक्रवार को भी चावल, दाल और सब्जी, शनिवार को खिचड़ी देने का निर्देश है.

   सप्ताह में दो दिन प्रत्येक छात्र को अंडा या फल

इसके अलावा सप्ताह में दो दिन प्रत्येक छात्र छह रुपये का अंडा या फल दिया जा रहा है. बताया जाता है कि झारखंड मध्याह्न भोजन प्राधिकार ने एमडीएम की राशि, सामान और दाल, सब्जी, तेल, मसाला, अंडा, फल की राशि आपूर्तिकर्ता के खाते में भेजने का निर्णय लिया गया है. इससे पूर्व एमडीएम की राशि विद्यालय प्रबंधन समिति को दी जाती थी. कक्षा एक से पांच तक के प्रत्येक छात्र को प्रतिदिन 4.97 रुपये और कक्षा छह से आठ तक के प्रत्येक छात्र को प्रतिदिन 7.45 रुपये का एमडीएम मूल्य तय किया गया है .

   एमडीएम चलाने के लिए 9161.40 क्विंटल चावल

बताया जाता है कि राज्य खाद्य आपूर्ति निगम ने स्कूलों में एमडीएम चलाने के लिए 9161.40 क्विंटल चावल उपलब्ध कराया था, जिनमें गिरिडीह प्रखंड को 1405.50 क्विंटल, सरिया प्रखंड को 521.50 क्विंटल, डुमरी प्रखंड को 856 क्विंटल,बगोदर प्रखंड को 442 क्विंटल,धनवार प्रखंड को 789.35 क्विंटल, पीरटांड़ प्रखंड को 462.50 क्विंटल,बेंगाबाद प्रखंड को 579 क्विंटल, गांडेय प्रखंड को 576.25 क्विंटल,देवरी को 594.20 क्विंटल, तिसरी प्रखंड को 576.25 क्विंटल,गावां प्रखंड को 576.25 क्विंटल, बिरनी प्रखंड को 579 क्विंटल और जमुआ प्रखंड को 1140 क्विंटल चावल बीआरसी को भेजा गया है.

समिति के खाता में 2 .76 करोड़ 33 हजार 504

एमडीएम शुरू होते ही विद्यालय स्तर पर गठित स्कूल संचालन समिति के खाता में अतिरिक्त पोषाहार के लिए 2 करोड़ 76 लाख 33 हजार 504 रुपये भेज दिये गए हैं. इस राशि से छात्रों को अंडा और फल दिया जाएगा. यह राशि केवल 16 दिनों के लिए विमुक्त की गई है. अतिरिक्त पोषाहार के लिए गिरिडीह प्रखंड को 33 लाख 18 हजार 320 रुपए,बेंगाबाद को 17 लाख 95 हजार 8 रुपये, देवरी को 21 लाख 92 हजार 736 रुपये, गांडेय को 23 लाख 91 हजार 72 रुपये, तिसरी को 15 लाख 95 हजार 328 रुपये, गावां को 17 लाख 42 हजार 552 रुपये,बिरनी को 18 लाख 42 हजार 432 रुपये, धनवार को 25 लाख 39 हजार 104 रुपये, जमुआ को 32 लाख 5 हजार 728 रुपये, पीरटांड़ को 16 लाख 29 हजार 504 रुपये, डुमरी को 23 लाख 80 हजार 800 रुपये, बगोदर को 13 लाख 75 हजार 680 रुपये और सरिया प्रखंड को 15 लाख 54 हजार 240 रुपये दिए गए हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी पुष्पा कुजूर ने बताया कि एमडीएम के लाभान्वित बच्चों की संख्या प्रति दिन कोषांग को भेजने का निर्देश सभी स्कूलों को दिया गया है. इसके अलावा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन मिले इसकी जिम्मेदारी विद्यालय प्रबंधन समिति की है. यह भी पढ़ें : गिरिडीह">https://lagatar.in/one-quintal-of-illegal-mahua-seized-in-giridih/">गिरिडीह

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