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गिरिडीह : ग्रहण काल में नकारात्मक तत्व रहता है सक्रिय, शरीर को करता है प्रभावित- महेंद्र पांडे

Giridih : 25 अक्टूबर को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण को लेकर दुर्गा मंदिर के पुजारी व प्रख्यात ज्योतिष पंडित महेंद्र पांडे का कहना है कि यह इस वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण है. सनातन धर्म में ग्रहण का खास महत्व है. सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटा पूर्व यानी सुबह 6.3 बजे से शुरू है. भारद्वाज पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण शाम 4.23 बजे से आरंभ होकर 6.19 तक रहेगा. इस ग्रहण का शुभ प्रभाव सिंह, कन्या, तुला और वृश्चिक राशि वाले लोगों पर पड़ेगा. गंगा स्नान, दान, जप, पाठ करने से लाभ होगा. धार्मिक दृष्टि से सूतक काल में पातक (शरीर अशुद्ध) हो जाता है. सूर्य को जब राहु ग्रसित करता है तो उससे निकलने वाले नकारात्मक तत्व का असर शरीर पर पड़ता है. इसके कारण मनुष्य को पातक दोष लगता है. शारीरिक अशुद्धि की अवस्था में मंदिर में पूजा पाठ या प्रतिमा का स्पर्श नहीं करना चाहिए. इस काल में मन में चलने वाले विचार भी अशुद्ध होते हैं. इस वजह से ध्यान भी नहीं करना चाहिए. सूर्य ग्रहण में 12 घंटा पूर्व सूतक लगता है और चंद्रग्रहण में 9 घंटा पूर्व. राहु 12 घंटा पूर्व सूर्य की तरफ बढ़ना शुरू कर देता है. इस कारण मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं. ग्रहण का वैज्ञानिक आधार यह है कि सकारात्मक तत्व क्षीण पड़ने लगता है. यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=453268&action=edit">यह

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