Suresh Singh Giridih : गिरिडीह कॉलेज में पांच हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं. छात्र-छात्राओं की इतनी संख्या के बाद भी कॉलेज में केवल 19 प्रोफेसर हैं. इस कॉलेज की स्थापना वर्ष 1955 में हुई थी. उस वक्त यहां के लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब उनके बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा. कई वर्षो तक यह कॉलेज लोगों की उम्मीद पर खरा भी उतरा, लेकिन अब प्रोफेसर की कमी से पढ़ाई प्रभावित हो रहा है. इस कॉलेज से पढ़ाई कर कई छात्र-छात्राएं उच्च पदों पर आसीन हो चुके हैं. कई छात्रों ने राजनीति में भी अपनी पहचान बनाई. सूबे के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भी गिरिडीह कॉलेज के छात्र रहे हैं. कॉलेज में छात्रों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ समस्याएं भी बढ़ती गई. अब इस कॉलेज में नामांकन करवाने से पूर्व छात्र सोचने को विवश हैं कि दाखिले के बाद पढ़ाई कैसी होगी? प्रोफेसर की कमी से कॉलेज का हाल बेहाल है. प्रोफेसर की कमी दूर करने के लिए कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन गंभीर नहीं हैं. लंबे संघर्ष के बाद इस कॉलेज में कॉमर्स, अंग्रेजी और गणित स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू हुई. प्रोफेसर की कमी से स्नातकोत्तर के छात्र भी परेशान हैं. हाल में कई प्रोफेसर सेवानिवृत हुए, लेकिन कई विभागों में अब तक प्रोफेसरों की तैनाती नहीं हुई. कॉलेज में कई वैसे विभाग है जहां छात्रों सी संख्या पंद्रह सौ है और प्रोफेसर केवल एक. गणित व कॉमर्स विभाग का सबसे बुरा हाल इस कॉलेज में गणित और कॉमर्स विभाग का सबसे बुरा हाल है. गणित में कुल 2500 छात्र हैं, लेकिन प्रोफेसर मात्र एक. कॉमर्स विषय में भी प्रोफेसर एक और छात्रों की संख्या 1500 है. अभी कॉलेज में सिर्फ 19 प्रोफेसर ही कार्यरत हैं. फिजिक्स के लिए 6 पद सृजित है, जबकि प्रोफेसर एक है. केमेस्ट्री में 6 की जगह एक प्रोफेसर है, जूलोजी में 3 प्रोफेसर की जगह 2, बॉटनी में 2 प्रोफेसर की जगह एक, गणित में 5 प्रोफेसर के स्थान पर एक, जियोलॉजी में 2 प्रोफेसर के स्थान पर एक, भूगोल में 2 प्रोफेसर की जगह एक, साइकोलॉजी में 2 प्रोफेसर के स्थान पर एक, इकोनॉमिक्स में 3 प्रोफेसर की जगह एक, फिलोसफी में 2 प्रोफेसर की जगह एक, हिंदी में 5 प्रोफेसर की जगह 2, अंग्रेजी में 5 प्रोफेसर की जगह तीन, कॉमर्स में 2 प्रोफेसर की जगह एक, पॉलिटिकल साइंस में 3 प्रोफेसर की जगह 2 कार्यरत हैं. इस संबंध में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. समीर सरकार ने बताया कि अधिकांश विभाग में स्वीकृत पद अभी भी रिक्त है. प्रोफेसर की कमी से पेरशानी हो रही है. कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन को इस समस्या से अवगत करवाया गया, इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो सका है. उन्होंने अविलंब कॉलेज में प्रोफेसरों की रिक्त पद भरने की मांग की है. Edited by Baidyanant Jha यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=234557&action=edit">यह
भी पढ़ें : गिरिडीह : छोटकी खरगडीहा हाईस्कूल में शिक्षकों की कमी, पठन-पाठन प्रभावित [wpse_comments_template]
गिरिडीह : गिरिडीह कॉलेज में प्रोफेसर की कमी, पढ़ाई प्रभावित

Leave a Comment