Abhay Verma
Giridih : शहर के बरमसिया स्थित डीके रेडी की स्मृति में बने साईं बाबा मंदिर अनोखा है. इस मंदिर का निर्माण दक्षिणी भारत शैली में किया गया है. इसकी आधारशिला 28 सितंबर 2009 को रखी गई थी. निर्माण के वक्त किसी ने इसकी भव्यता का अंदाजा नहीं लगाया था, लेकिन अब इसकी शोभा देखते ही बनती है. 12 हजार वर्गफीट में फैले इस मंदिर परिसर में साईं मंदिर के अलावा नवग्रह मंदिर भी है. इसके साथ ही भगवान गणेश, सरस्वती, दुर्गा, लक्ष्मी व श्रीयंत्र भी स्थापित हैं. भगवान शिव की जटा से बहती गंगा की धारा मनमोहक है. मंदिर की चारों ओर दक्षिण भारतीय स्थापत्य कला की नक्काशी है. मंदिर निर्माण के कर्ताधर्ता डी चंद्रकिरण रेड्डी के अनुसार नक्काशी से मंदिर का रूप निखरता है. ढ़ाई हजार वर्ग फीट में साईं बाबा का मुख्य मंदिर है, जहां सफेद संगमरमर की 4 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित है. मूर्ति के ऊपर 21 फीट ऊंचा गुंबद आकर्षण का केंद्र है.
जयपुर से मंगाई गई है प्रतिमाएं
रेड्डी ने बताया कि मंदिर में स्थापित सारी प्रतिमाएं जयपुर से मंगाई गई है. श्रीयंत्र व नवग्रह की 9 मूर्तियां काला ग्रेनाइट पत्थर से निर्मित है. परिसर में धार्मिक अनुष्ठान वर्ष भर चलता रहता है.
मंदिर निर्माण साईं बाबा की कृपा से, स्वप्न में दिए थे दर्शन
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डी चंद्रकिरण रेड्डी के साथ इस मंदिर की रोचक कथा जुड़ी है. पहली बार वे साईं दर्शन करने शिरडी गए. इसके बाद वे हर वर्ष वहां दर्शन करने जाने लगे. एक रात उन्हें स्वप्न में साईं बाबा ने दर्शन देकर गिरिडीह में मंदिर निर्माण की इच्छा जताई. उसी समय उनके मन में यहां मंदिर निर्माण की इच्छा पैठ बना ली. इसे मूर्त रूप देने में समय लगा. वे लगातार स्वप्न साकार करने में लगे रहे. 16 साल बाद वे 2004 में योग की शिक्षा लेने देवघर स्थित रिखिया पहुंचे. गिरिडीह में मंदिर निर्माण इन्हें अंदर से झकझोर रहा था. वर्ष 2009 में यहां साईं मंदिर निर्माण की शुरुआत हुई. जल्द ही परिसर में अर्धनारीश्वर मंदिर का भी निर्माण किया जाएगा.