योजना शुरू करने को किसानों ने हर दरवाजा खटखटाया
बताया जाता है कि सिंचाई योजना बंद होने की शिकायत समूह के सदस्य और ग्रामीणों ने जेएसएलपीएस के अधिकारियो से कई बार की, लेकिन संवेदक की लापरवाही की बात कह कर सभी अपना पल्ला झाड़ लेते थे. किसानों का आरोप है कि सिंचाई योजना बनने के तीन वर्ष तक एक बूंद पानी नहीं दिया गया, जिस कारण सिंचाई के अभाव में उनकी जमीन बंजर पड़ी रही. खोसोखार के किसान शुनेश्वर पासवान ने बताया कि बंद योजना शुरू होने की उम्मीद जगी है. पंप हाउस में तीन दिन पूर्व मोटर लगाया गया है. जल्द ही खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा.अब जेठुआ फसल में होगा पानी का उपयोग
हालांकि देर होने के कारण किसान इस पानी का उपयोग जेठुआ फसल में कर सकेंगे. किसान कटी सिंह ने बताया कि सिंचाई योजना पूरी होने के समय से खेतों तक पहुंच जाता तो किसानों की आर्थिक स्थिति सुधर गई होती. खोसोखार गांव बिहार और झारखंड की सीमा पर स्थित है, जिस कारण विकास से कोसों दूर है. जेएसएलपीएस के प्रखंड फील्ड को-ऑर्डिनेटर निरंजन सिंह ने कहा कि मार्च के बाद खोसोखर में बंद पड़ी सिंचाई योजना शुरू हो जाएगी. पंप हाउस में नया मोटर लगा दिया गया है,लेकिन कई जगह पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है. उसकी मरम्मत कराई जा रही है. किसान जेठुआ फसल में पतरो नदी के पानी से खेतों की सिंचाई कर सकेंगे. यह भी पढ़ें : देवघर">https://lagatar.in/jmms-foundation-day-in-deoghar-passersby-upset-due-to-change-of-route-chart/">देवघरमें झामुमो का स्थापना दिवस, रूट चार्ट बदलने से राहगीर परेशान [wpse_comments_template]

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