Giridih : जिला कांग्रेस में व्याप्त अंदरूनी कलह पार्टी के नए जिलाध्यक्ष धनंजय कुमार सिंह दूर नहीं कर पा रहे हैं. जिलाध्यक्ष की ताजपोशी के बाद उम्मीद थी कि पार्टी का आंतरिक कलह दूर हो जाएगा. राज्य आलाकमान ने भी जिलाध्यक्ष चयन के बाद अंदरूनी कलह दूर करने की पूरी कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुए. जिलाध्यक्ष पद के कई दावेदार मैदान में थे. जो रेस में पीछे रह गए उन नेताओं को डैमेज कंट्रोल के तहत प्रदेश सचिव और स्टेट डेलीगेट बनाकर एडजस्ट किया गया. बावजूद इसके नेताओं में आपसी तालमेल नहीं है. कलह की कलई 10 जनवरी को वनभोज सह मिलन समारोह में खुल गई. वनभोज में जिला कार्यकारी अध्यक्ष सतीश केडिया, प्रदेश सचिव अजय कुमार सिन्हा, जिला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नरेश वर्मा, राज्य प्रतिनिधि उपेंद्र प्रसाद सिंह शामिल नहीं हुए. वनभोज में इन नेताओं के शामिल नहीं होने से प्रदेश आलाकमान चौकस हुए. प्रदेश कांग्रेस के एक दिग्गज नेता ने नाराज नेताओं से फोन से बातचीत कर एक दूसरे के सहयोग करने की अपील की.
अपने चहेते को एडजेस्ट करने करने के लिए दवाब की राजनीति
जिला कांग्रेस में फिलहाल अपने चहेते को एडजस्ट करने के लिए दवाब की राजनीति चल रही है. दिग्गज नेता अपने चहेते को जिला कांग्रेस में किसी न किसी पद पर एडजस्ट करना चाहते हैं. एक ही खानदान के तीन सदस्यों को जिलाध्यक्ष पद से नवाजे जाने पर कई नेता पचा नहीं पा रहे हैं. नाम न छापने की शर्त पर कई नेताओं ने बताया कि जिलाध्यक्ष धनंजय कुमार सिंह के पिता सांसद थे. उनके बड़े भाई भी जिलाध्यक्ष बने थे. अभी धनंजय कुमार सिंह भी जिलाध्यक्ष हैं. इससे लगता है कि जिला कांग्रेस पर सिर्फ एक ही परिवार का वर्चस्व है. तीनों सदस्यों को महत्वपूर्ण पद पर ताजपोशी हुई.
वरीय नेताओं को प्रखंड प्रभारी बनाए जाने से नाराजगी
कांग्रेस की हाथ जोड़ो यात्रा में वरीय नेताओं को प्रखंड प्रभारी बनाए जाने से भी नाराजगी है. पार्टी के प्रदेश सचिव व स्टेट डेलीगेट विभिन्न प्रखंडों के प्रभारी बनाए गए. वहीं जिलाध्यक्ष ने जिला कांग्रेस में अंदरूनी कलह से इंकार किया है. कहा कि पार्टी में सब कुछ ठीक चल रहा है. नेताओं में आपसी मतभेद नहीं है. सभी संगठन को मजबूत बनाने में लगे हैं.
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