Giridih : गिरिडीह बस स्टैंड में गंदगी का अंबार लगा है. यहां से कई पड़ोसी राज्यों और झारखंड के विभिन्न जिलों के लिए बसें खुलती है. प्रतिदिन हजारों यात्री इस स्टैंड से बस पकड़ते हैं. इस स्टैंड की गिनती राज्य के बड़े बस स्टैंडो में की जाती है. बावजूद इसके यहां गंदगी का अंबार लगा है. इस स्टैंड का उद्घाटन 10 दिसंबर 1986 को बिहार के तत्कालीन सीएम विंदेश्वरी दुबे ने किया था. उस समय झारखंड और बिहार का बंटवारा नहीं हुआ था. लोकेशन के हिसाब से यह स्टैंड शहर के बीचोबीच स्थित है. यात्रियों को यहां से आने-जाने में सुविधा होती है.
इस स्टैंड की देखरेख का जिम्मा नगर निगम के अधीन है. नगर निगम ने देखरेख और साफ-सफाई की निविदा निकालकर जिम्मेवारी संवेदक को सौंप दिया. यहां से बसें बिहार और पश्चिम बंगाल के लिए खुलती है. बिहार के नवादा, जमुई, मूंगेर, बांका, भागलपुर समेत अन्य जिलों के लिए बसें खुलती है. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता समेत आसनसोल, दुर्गापुर और बर्द्धमान के लिए बसें खुलती है. झारखंड की राजधानी रांची समेत दुमका, धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, कोडरमा, देवघर और पाकुड़ जिले के लिए बसें रवाना होती है. रात में भी यात्री इस स्टैंड से सफर करते हैं. गंदगी रहने से यात्रियों को दिक्कत हो रही है.
यात्रियों का कहना है कि बस स्टैंड में साफ-सफाई का ख्याल नहीं रखा जाता. शौचालय भी गंदा है. बस स्टैंड परिसर में यात्रियों के बैठने के लिए एक शेड है. शेड तक जाने के लिए सीढ़ियों के पास गंदगी है. देखकर लगता है कि महीनों से गंदगी को नहीं हटाया गया है.
इस संबंध में पूछे जाने पर नगर निगम के डिप्टी मेयर प्रकाश सेठ ने बताया कि बस स्टैंड में गंदगी जमा रहना ठीक नहीं है. संवेदक को गंदगी हटाने और साफ-सफाई का निर्देश दिया गया है. एक से दो दिनों में गंदगी हटा दिया जाएगा. बस स्टैंड परिसर की साफ-सफाई भी होगी.
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