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गिरिडीह : फाइनेंस कंपनियों की जाल में फंस रही हैं महिलाएं - राजेश यादव

सरकार से गरीबों का कर्ज माफ करने की मांग

Giridih. :  सरकारों की नाकामियों के कारण ग्रामीण महिलाएं फाइनेंस कंपनियों के ऋण जाल में फंसती जा रही हैं. स्थिति यह है कि मेहनत-मजदूरी कर सारी कमाई का किस्त भरने के बाद घर में खाने के लाले पड़ने शुरू हो गए हैं. उक्त बातें भाकपा माले नेता प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश यादव ने कही. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में, अमीरों को कर्ज माफी का लाभ देने वाली मोदी सरकार को गरीबों का भी कर्जा माफ करना चाहिए. 16 सितंबर को लेदा पंचायत के कोदयडीह में फाइनेंस कंपनियों के लोन के चंगुल में फंसी महिलाओं व ग्रामीणों के साथ बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि सरकारी सिस्टम फेल होने का ही नतीजा है कि अमीर लोग गरीबों को ठग कर और अमीर बन रहे हैं। कहा कि यहां के कुछ ने इलाज करने के लिए लोन लिया, कुछ ने घर बनाने कसे  लोन लिया, किसी ने लड़की की शादी के लिए लोन लिया, तो किसी ने बच्चे को पढ़ाने के लिए लोन ले लिया है. मतलब साफ है कि, यदि सरकारी संस्थाएं दुरुस्त रहतीं और गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाएं सही ढंग से चलती, तो इन्हें लोन के चंगुल में फंसना नहीं पड़ता. श्री यादव ने कहा कि दूसरी तरफ फाइनेंस कंपनियों के एजेंट किस्त वसूली के लिए सारी हदें पार कर रहे हैं. ये लोग लोन वसूली के लिए ऋण धारकों पर नाजायज दबाव बना रहे हैं. अत: सरकार गरीबों का कर्ज माफ करे. मौके पर माले के स्थानीय नेता सदानंद स्वर्णकार, अशोक हेंब्रम तथा राजेश मांझी के अलावा सुखदेव हेंब्रम, हेमलाल सोरेन, सोमर टुडू सहित अन्य मौजूद थे. यह">https://lagatar.in/giridih-meeting-held-regarding-rail-teka-dahar-chheka-program/">यह

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