Mumbai : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत स्तर पर विभिन्न कदम उठा रही है. मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र में पिछले 10 वर्षों में 31 अरब डॉलर से अधिक का निवेश हुआ है. एंजल टैक्स को समाप्त करना भी इस क्षेत्र की वृद्धि की दिशा में एक कदम है. एंजल कर (30 प्रतिशत से अधिक की दर से आयकर) का मतलब वह आयकर है जो सरकार गैर-सूचीबद्ध कंपनियों या स्टार्टअप द्वारा जुटाई गयी धनराशि पर लगाती है…यदि उनका मूल्यांकन कंपनी के उचित बाजार मूल्य से अधिक है.
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi says, “I also understand your concerns related to misuse of AI. That is why India has also called for creating a global framework for the ethical use of AI. The government is making every necessary change at the policy level to help the… pic.twitter.com/KcpvAUbFuO
— ANI (@ANI) August 30, 2024
Prime Minister Narendra Modi visits Global Fintech pavilion in Mumbai
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भारतीयों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद मिलेगी
प्रधानमंत्री ने यहां ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2024 को संबोधित करते हुए नियामकों से साइबर धोखाधड़ी रोकने तथा लोगों की डिजिटल समझ बढ़ाने के लिए और कदम उठाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, ‘वित्तीय सेवाओं के लोकतंत्रीकरण में वित्तीय प्रौद्योगिकी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.’’ मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि इससे भारतीयों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद मिलेगी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीयों द्वारा वित्तीय प्रौद्योगिकी को जितनी तेजी से तथा जिस व्यापक स्तर पर अपनाया गया है…दुनिया में कहीं ऐसा देखने को नहीं मिला. मोदी ने कहा कि भारत में वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र द्वारा लाया गया बदलाव केवल प्रौद्योगिकी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका सामाजिक प्रभाव दूरगामी है.
फिनटेक स्टार्टअप में 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वित्तीय प्रौद्योगिकी ने समानांतर अर्थव्यवस्था को चोट दी और यह वित्तीय सेवाओं के मोर्चे पर गांवों तथा शहरों के बीच की खाई को पाट रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने 31 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश आकर्षित किया है और फिनटेक’ स्टार्टअप में 500 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि भारत में त्योहारों का मौसम है, अर्थव्यवस्था तथा बाजारों में भी उत्सव का माहौल है. उनका स्पष्ट इशारा मजबूत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि तथा पूंजी बाजार के नई ऊंचाइयों पर पहुंचने की ओर था. मोदी ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को बताया कि ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के तहत 27 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऋण वितरित किये गये हैं.
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना विश्व की सबसे बड़ी लघु वित्त योजना है
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना विश्व की सबसे बड़ी लघु वित्त योजना है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस कार्यक्रम में कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकियां वित्तीय समावेश का विस्तार करने, दक्षता में सुधार लाने और देश भर में वास्तविक समय में सेवाएं सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण रही हैं. दास ने कहा, आज भारत डिजिटल भुगतान में वैश्विक नेता के रूप में खड़ा है, यह उपलब्धि सक्रिय नीति निर्माण को नवाचार तथा प्रौद्योगिकी प्रगति के साथ जोड़कर हासिल की गयी है. नीति निर्माताओं, नियामकों और नवप्रवर्तकों के बीच सहयोग भारत की वित्तीय प्रौद्योगिकी यात्रा को परिभाषित करता है.