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तिब्‍बत पर ब्रह्मा चेलानी की सलाह से भड़का ग्‍लोबल टाइम्‍स, कश्‍मीर-सिक्किम पर आंखें तरेरी

 Beijing: भारत के जाने-माने रक्षा विश्‍लेषक ब्रह्मा चेलानी द्वारा टाइम्‍स ऑफ इंडिया में तिब्‍बत को लेकर लिखे गये एक लेख पर चीन गुस्से में है. चीनी ने उसका गुब्बार अपने सरकारी मीडिया ग्‍लोबल टाइम्‍स के माध्यम से निकाला है. ग्‍लोबल टाइम्‍स में अपने एक विशेषज्ञ के हवाले से भारत को सिक्किम और कश्‍मीर का नाम लेकर धमकी दी है.  विशेषज्ञ के हवाले से कहा कि भारत ने अगर तिब्‍बत पर अपनी स्थिति में बदलाव किया तो चीन सिक्किम को भारत का हिस्‍सा नहीं मानेगा. चीन कश्‍मीर मुद्दे पर अपने कथित तटस्‍थ रवैये में भी बदलाव करेगा. इसे भी पढ़ें : पढ़ें">https://lagatar.in/read-what-happened-in-the-chat-of-arnab-goswami-and-barc-ceo/18453/">पढ़ें

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टाइम्‍स ऑफ इंडिया ने तिब्‍बत को लेकर ब्रह्मा चेलानी का एक आर्टिकल छापा

बता दें कि टाइम्‍स ऑफ इंडिया ने तिब्‍बत को लेकर ब्रह्मा चेलानी का एक आर्टिकल छापा था. इस आर्टिकल में रक्षा मामलों के विशेषज्ञ चेलानी ने भारत सरकार को सलाह है कि अमेरिका के तिब्‍बत को लेकर बनाये गये कानून का चीन के खिलाफ भारत फिर से लाभ उठाये.  चेलानी के अनुसार तिब्‍बत चीन की दुखती रग है और अगर भारत चीन की इस अतिसंवेदनशीलता का फायदा उठाने का इच्‍छुक नहीं है तो कम से कम वह तिब्‍बत पर चीन की नीतियों का समर्थन करना बंद करे. इसे भी पढ़ें : अर्नब">https://lagatar.in/arnabs-chat-proof-that-the-media-is-now-an-equal-partner-in-the-governments-conspiracies/18397/">अर्नब

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चेलानी की सलाह ग्‍लोबल टाइम्‍स को रास नहीं आयी

ब्रह्मा चेलानी की यह सलाह  चीन के सरकारी मीडिया ग्‍लोबल टाइम्‍स को रास नहीं आयी.  ग्‍लोबल टाइम्‍स ने चीनी विश्‍लेषक लांग शिंगचुन के हवाले से कहा कि चेलानी चीन के हमेशा से विरोधी रहे हैं और हमें संदेह है कि वह अमेरिका के गैर आधिकारिक प्रवक्‍ता है. चेलानी अमेरिकी हितों के अनुसार योजना बना रहे हैं और भारत के राजनयिक नीतियों को अमेरिकी नीतियों के साथ मिलाने का प्रयास कर रहे हैं. इसे भी पढ़ें :  संयुक्त">https://lagatar.in/un-representative-referring-to-stan-swamy-said-india-does-not-give-protection-to-supporters-of-human-rights/18424/">संयुक्त

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अमेरिका चीनी हितों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है

ग्‍लोबल टाइम्‍स ने आरोप लगाया कि इस तरह के लेख लिखकर चेलानी भारत के नहीं बल्कि अमेरिकी हितों को फायदा पहुंचा रहे हैं. चीनी विश्‍लेषक ने कहा कि इससे भारत-चीन संबंधों को न केवल नुकसान हो रहा है बल्कि यह भारत के हित में भी नहीं है. तिब्‍बत‍ पर बनाये अमेरिकी कानून पर ग्‍लोबल टाइम्‍स ने कहा कि अमेरिका चीनी हितों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है. हालांकि भारत तिब्‍बत के मसले पर सीधे-सीधे अमेरिकी नीतियों का पालन नहीं करेगा. भारत और चीन पड़ोसी देश हैं और भारत की अपनी कमजोरी है. अमेरिका तिब्‍बत को चीन से अलग नहीं कर सकता है और केवल नीचा दिखाने की कोशिश कर रहा है.  अगर अमेरिका ऐसा नहीं कर सकता है तो भारत कैसे कर सकता हैvc

चीन भारत से लगभग हर मामले में मजबूत है

लांग शिंगचुन ने कहा, `भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पहले ही हल होते नहीं दिख रहे हैं. यदि भारत तिब्‍बत के मुद्दे पर चीन को उकसाता है तो यह चीन के सबसे प्रमुख हितों को खुली चुनौती होगा. चीन भारत से लगभग हर मामले में मजबूत है और भारत केवल अपने लिए गड्ढा खोद रहा है. भारत अगर तिब्‍बत पर अमेरिकी रास्‍ते पर आगे बढ़ता है तो उसे चीन के जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.  उन्‍होंने कहा कि चीन भारत के पूर्वोत्‍तर में सक्रिय आतंकी गुटों का फायदा उठा सकता है.

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