NewDelhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को एक दिवसीय दौरे पर यूक्रेन पहुंचे. मोदी के दौरे पर पूरी दुनिया की नजर है. अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इसकी चर्चा है. चीन के सरकारी मीडिया की इस दौरे पर खास नजर है. उसे यह रास नहीं आ रहा है. चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने इस पर एक लेख प्रकाशित किया है. लिखा कि मोदी इस दौरे से रूस और यूक्रेन के बीच खाई को पाटकर अपनी योग डिप्लोमेसी को सफल बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
योग डिप्लोमेसी को सफल बनाने के लिए नयी दिल्ली में ताकत की कमी
विश्लेषकों का कहना है कि इस बार योग डिप्लोमेसी को सफल बनाने के लिए नयी दिल्ली में ताकत की कमी है. चीनी अखबार ने लिखा कि मोदी का यूक्रेन दौरा 8-9 जुलाई के उनके रूस दौरे के बाद हो रहा है. मोदी का रूस दौरा यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और अमेरिका को नहीं सुहाया था.
मोदी के दौरे कीयुद्ध में बढ़ते संकट को कम करने में अहम भूमिका नहीं रहेगी
ग्लोबल टाइम्स ने ने लिखा कि हाल के सालों में मीडिया योग डिप्लोमेसी शब्द का इस्तेमाल कर रहा है जिसे (योग डिप्लोमेसी) भारत दुनिया के देशों को एक साथ लाकर, उनके बीच की खाई को पाटकर अपने बढ़ते वैश्विक प्रभाव का दावा करने के लिए अपना रहा है. लिखा कि मोदी का यूक्रेन दौरा भी इसी का प्रदर्शन है हालांकि, मोदी के इस दौरे की युद्ध में बढ़ते संकट को कम करने में कोई अहम भूमिका नहीं रहेगी.
रूस के कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन के आक्रमण के कारण बातचीत की गुंजाइश कम
सिचुआन इंटरनेशनल स्टडीज यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस के प्रोफेसर लॉन्ग जिंगचुन के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, भारत के पास इस समय रूस और यूक्रेन के बीच की दूरियों को पाटने की ताकत और प्रभाव की कमी है, क्योंकि इसका प्रभाव यूरोप में बहुत सीमित है. हम इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि रूस के कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन के आक्रमण के कारण दोनों पक्षों के बीच बातचीत की गुंजाइश अब कम हो रही है.
तब तक कोई बातचीत नहीं, जब तक यूक्रेन पूरी तरह से हार नहीं जाता
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार रूस की सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख दिमित्री मेदवेदेव ने बुधवार को कहा कि कुर्स्क में यूक्रेन की घुसपैठ का मतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच तब तक कोई बातचीत नहीं होगी जब तक यूक्रेन युद्ध के मैदान में पूरी तरह से हार नहीं जाता. चीनी अखबार ने एक्सपर्ट के हवाले से पूछा है कि क्या भारत के पास दोनों पक्षों को बातचीत की मेज पर लाने और दोनों पक्षों को संतुष्ट करने वाला संघर्ष विराम प्रस्ताव पेश करने की ताकत है?
यूएनजीए ने अपने तीन प्रस्तावों में रूसी आक्रमण को रोकने का आह्वान किया है
भारत के प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन यात्रा को लेकर संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने उम्मीद जताई है कि यह युद्ध को खत्म करने में मददगार साबित हो सकती है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने कहा कि यूएन चीफ को उम्मीद है कि पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा से युद्ध को समाप्त करने में मदद मिलेगी. बता दें कि उनसे यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा को लेकर सवाल पूछा गया था.
डुजारिक ने इसका जवाब में कहा कि है यह यात्रा हमें यूएनजीए के प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार संघर्ष को हल करने के करीब लायेगी. यूएनजीए ने अपने तीन प्रस्तावों में रूसी आक्रमण को रोकने का आह्वान किया है. यूक्रेन के बुनियादी ढांचे पर हमलों को रोकने की मांग की गयी है. जान लें कि भारत ने इन प्रस्तावों पर मतदान से दूर रहा है.