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कुर्बानी बाजार में लाखों में बिक रहे बकरे, सुल्तान और डेविड बने आकर्षण का केंद्र

Ranchi: बकरीद के मौके पर झारखंड के कुर्बानी बाजारों में जबरदस्त रौनक देखने को मिल रही है. रांची, मेन रोड, लोहरदगा से लेकर खूंटी तक बकरों और खस्सियों की खरीद-बिक्री जोरों पर है. कुछ बकरों की कीमतें लाखों तक पहुंच चुकी हैं. देहाती नस्लों की खास देखभाल और वजन के चलते उनके दाम भी आसमान छू रहे हैं.

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सुबह-सुबह मंडी में जुटी भीड़, बकरों की लगी बोली


मेन रोड स्थित उल हाउस गली के बकरी बाजार में शुक्रवार सुबह से ही खरीदारों की भीड़ उमड़ने लगी. लोहरदगा कुडू से आए मोहम्मद अफरोज सुबह 5 बजे घर से निकलकर 7 बजे बाजार पहुंचे. उन्होंने छह बकरियां बेच दीं, जिनमें से एक इटावा नस्ल की खस्सी थी. जब उन्होंने इसे खरीदा था तब इसका वजन 8 किलो था और कीमत सिर्फ 10 हजार रुपये थी. अब इसका वजन 40 किलो हो गया है और इसकी कीमत करीब 50 हजार रुपये लगाई गई है.


बिक्री में जोश, कीमतों ने पार किए रिकॉर्ड


एक व्यापारी ने सात खस्सियों को क्रमशः 16 हजार से 18 हजार रुपये के बीच बेचा. उनमें से एक 35 किलो वजनी खस्सी 25 हजार रुपये में बिक गया. वहीं जोन्हा से लाई गई देहाती नस्ल की एक काली खस्सी की कीमत 34 हजार रुपये तक पहुंच गई.


‘सुल्तान’ की कहानी: 400 रुपये से 50 हजार तक का सफर


लोहरदगा से आए मुहम्मद जावेद और मुहम्मद हुसैन ‘सुल्तान’ नामक खस्सी को लेकर पहली बार रांची पहुंचे हैं. राजस्थान से लाई गई इस खस्सी को उन्होंने तीन साल तक पाल-पोसकर बड़ा किया. जब इसे खरीदा गया था, तब इसका वजन महज 6 किलो था और कीमत 400 रुपये थी. अब इसका वजन करीब 45 किलो हो चुका है और कीमत 50 हजार रुपये रखी गई है. जावेद ने बताया कि यह खस्सी पैगंबर साहब के नाम पर कुर्बान किया जाएगा, इसलिए इसकी देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी गई.

 

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डेविड, लड्डू, शाहरूख और सलमान: नाम भी बन गए ब्रांड


रांची के कठहल मोड़ से पुनम देवी और रमन महतो 'डेविड' नामक खस्सी को बेचने के लिए बाजार लाए हैं. छह दांत वाला यह देहाती नस्ल का खस्सी साढ़े तीन साल में तैयार हुआ है. इसका वजन करीब 50 किलो है और कीमत 40 हजार रुपये रखी गई है. वहीं  हिंदपीढ़ी से लाए गए अन्य बकरों में 'शाहरूख' नामक सफेद बकरा 27 हजार रुपये का है, जबकि 'सलमान' नामक दो दांत वाला सफेद-काला बकरा 11 हजार रुपये में बिक रहा है.


‘लड्डू’ की मिठास: खूंटी से लाए गए खस्सी की कीमत 70 हजार रुपये


खूंटी के लोदमा गांव से ओमप्रकाश महतो और उनके पिता लालमोहन महतो 'लड्डू' नामक खस्सी को लेकर रांची पहुंचे हैं. चार साल की विशेष देखभाल के बाद इसे तैयार किया गया है. इसे गाजर, बीट, पत्ता और काजू घास जैसे पौष्टिक आहार दिए गए. इसका वजन करीब 50 किलो है और कीमत 70 हजार रुपये रखी गई है. परिवार का कहना है कि एक खस्सी बीमारी से मर गया था, लेकिन 'लड्डू' को उन्होंने संतान की तरह पाला.


कीमतें 11,000 से 70,000 रुपये तक, बकरीद से पहले चरम पर बाजार


फतुल्लाह रोड स्थित पारंपरिक बकरी बाजार में इस साल भी भारी भीड़ उमड़ रही है. राजस्थानी नस्ल के खस्सियों की मांग काफी अधिक है. बाजार में हिरण नस्ल के बकरों की कीमत 24 हजार रुपये से शुरू हो रही है, जबकि एक सफेद बकरा 70 हजार रुपये तक में बिकने को तैयार है.