Godda : गोड्डा के बाल संरक्षण पदाधिकारी रितेश कुमार की मौत बीते शुक्रवार को हार्ट अटैक से हो गई. मौत के चंद घंटों बाद महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने पिछले 8 महीने से बंद उनका वेतन भुगतान करने का आदेश दे दिया है. इससे पहले विभाग ने आरोप लगाते हुए उनके वेतन पर रोक लगा दी थी. बिना वेतन के ही रितेश कुमार अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन कर रहे थे. वेतन भुगतान के लिए वह कई बार विभाग को पत्र लिख चुके थे. उनके सहयोगियों की मानें, तो विभाग ने शत प्रतिशत राशि खर्च नहीं करने के आरोप में उनका वेतन रोक दिया था. जबकि रितेश ने विभाग के वरीय अधिकारियों को कई बार यह सूचित किया था कि उनके पास वित्तीय अधिकार नहीं है. ऐसे में राशि खर्च नहीं करने का आरोप सही नहीं है और उनके वेतन भुगतान का आदेश दिया जाए. लेकिन विभाग ने ध्यान नहीं दिया.
पैसे के अभाव नहीं करा पा रहे थे इलाज
रितेश कुमार को गले की बीमारी थी. पैसे के अभाव में वे इलाज नहीं करा पा रहे थे, जिससे बीमारी गंभीर होती गई. शुक्रवार को हार्ट अटैक से उनका निधन होने के बाद विभाग ने गोड्डा डीसी को पत्र भेजकर वेतन भुगतान करने की खबर दी.
कर्मचारी महासंघ ने जताया दुःख
जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी रितेश कुमार के असामयिक निधन पर झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने गहरा दुःख प्रकट किया है. महासंघ के गोड्डा जिला अध्यक्ष मुजाहिदुल इस्लाम ने कहा कि अपने काम व व्यवहार से रितेश कुमार ने आम लोगों पर गहरी छाप छोड़ी है. यही वजह है कि उनके जानने वाले आज काफी दुःखी हैं. उन्होंने कहा कि यह जान कर आश्चर्य हुआ कि संविदा पर कार्यरत एक अधिकारी को पिछले 8 महीने से वेतन नहीं मिला था, बावजूद इसके वे निष्ठापूर्वक अपने दायित्व को निभा रहे थे. जिला प्रशासन के उच्चाधिकारी भी उनके आर्थिक और मानसिक स्थिति को समझने में नाकाम रहे.
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