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गोड्डा : चीर नदी का डायवर्सन नहीं बना, गोड्डा-बांका के बीच आवागमन ठप

झारखंड-बिहार के बड़ी आवादी प्रभावित Godda : झारखंड-बिहार की सीमा को जोड़नेवाली चीर नदी का डायवर्सन अब तक नहीं बन पाने से यातायात ठप है. इससे दोनों राज्यों की सीमा पर बसे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. ज्ञात हो कि झारखंड के गोड्डा जिला के सदर प्रखंड अंतर्गत भारतीकित्ता अंतिम गांव है, जिसकी सीमा बिहार के बांका जिला अंतर्गत पंजवारा गांव से सटती है. इन दोनों गांव के बीच चीर नदी बहती है. इस नदी के पुराने पुल को तोड़कर नया पुल बनाया जा रहा है. करीब तीस करोड़ की लागत से हाई लेवल पुल बनाने का ठेका पटना की कंपनी को मिला है. निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है. इधर, पुल तोड़े जाने के बाद एक डायवर्सन बनाया गया था, जिससे वाहनों की आवाजाही हो रही थी. पिछले दिनों हुई बारिश में बेतरतीब ढंग से बना यह डायवर्सन बह गया. एक सप्ताह के अंदर ही दुबारा डायवर्सन बनाया गया मगर वह भी नहीं टिक पाया. फिलहाल किसी प्रकार लोग जान जोखिम में डालकर पैदल नदी पार कर रहे हैं, जबकि छोटी गाड़ियों व यात्री बसों का आवागमन पूरी तरह ठप है. जिस वजह से दोनों तरफ के लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.

भागलपुर शहर पर निर्भर है गोड्डा की बड़ी आवादी

[caption id="attachment_704625" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/07/Goddda-1111-2-300x200.jpg"

alt="" width="300" height="200" /> डायवर्सन बनाने का चल रहा काम[/caption] मालूम हो कि गोड्डा की बड़ी आवादी मार्केटिंग, ईलाज, शिक्षा आदि के लिए अभी भी भागलपुर शहर पर ही निर्भर है. इसी प्रकार पंजवारा, बांका, बौसी के लोगों को भी जरूरी कार्यों के लिए प्रतिदिन गोड्डा आना-जाना होता है. सीमावर्ती इस प्रमुख मार्ग के अबतक चालू नहीं होने से लोग दूसरे वैकल्पिक रास्तों के जरिए भागलपुर बांका पहुंच रहे हैं, जो काफी खर्चीला और लंबी दूरी वाला है. पैदल यात्रियों को भी डायवर्सन पार करने के लिए नदी का पानी कम होने का इंतजार करना पड़ता है. इससे जीवन पर भी खतरा मंडराता रहता है. यह">https://lagatar.in/wp-admin/post.php?post=703629&action=edit">यह

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