LagatarDesk: आज नवरात्र का दूसरा दिन है. नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. ‘ब्रह्म’ का अर्थ होता है ‘तपस्या’ और ‘चारिणी’ का अर्थ है ‘आचरण’ करने वाली. ब्रह्मचारिणी का अर्थ है तप का आचरण करने वाली. मां दुर्गा के इस स्वरूप की पूजा करने से तप, त्याग, सदाचार, संयम आदि की वृद्धि होती है.
ऐसा है मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप
माता ब्रह्मचारिणी इस लोक के समस्त चर और अचर जगत की विद्याओं की ज्ञाता हैं. इनका स्वरूप श्वेत वस्त्र में लिप्टी हुई कन्या के रूप में है. जिनके एक हाथ में अष्टदल की माला और दूसरे हाथ में कमंडल है. यह अक्षयमाला और कमंडल धारिणी ब्रह्मचारिणी नामक दुर्गा शास्त्रों के ज्ञान और निगमागम तंत्र-मंत्र आदि से संयुक्त है. अपने भक्तों को यह अपनी सर्वज्ञ संपन्न विद्या देकर विजयी बनाती हैं. ब्रह्मचारिणी का स्वरूप बहुत ही सादा और भव्य है. अन्य देवियों की तुलना में वह अतिसौम्य, क्रोध रहित और तुरंत वरदान देने वाली देवी हैं.
माता को नौ दिन अलग-अलग भोग चढ़ाने का है विधान
चैत्र नवरात्रि के पर्व के दौरान माता को प्रसन्न करने के लिए प्रतिदिन माता के स्वरूप के अनुसार भोग लगाने का भी विधान है. आइये जानते हैं नवरात्रि के नौ दिनों में माता के किस रूप को प्रसन्न करने के लिए किन पदार्थों का भोग लगाना शुभ माना जाता है.
शैलपुत्री- इस दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इस दिन व्रत के बाद रात्रि के समय माता को केले का भोग माता शैलपुत्री को लगाना चाहिए.
ब्रह्मचारिणी- नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. उन्हें घी या दूध से बने पदार्थों का भोग लगाना शुभ माना जाता है.
चंद्रघंटा- माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. चंद्रघंटा का अर्थ है चांद के समान चमकने वाली. इस दिन माता को नमकीन पदार्थों अथवा मक्खन का भोग लगाया जाता है.
कूष्माण्डा- नवरात्रि के चौथे दिन माता कूष्माण्डा की पूजा की जाती है. इस दिन माता के कूष्माण्डा स्वरूप को मिश्री का भोग लगाना चाहिए. इसके अलावा किसी भी मिठे पदार्थों का भोग लगा सकते हैं.
स्कंदमाता- इस दिन नां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है. स्कंदमाता को सफेद खीर या दूध का भोग लगाना शुभ माना जाता है.
कात्यायनी- माता कात्यायनी की पूजा नवरात्रि के छठे दिन की जाती है. माता को प्रसन्न करने के लिए इस दिन मालपुए का भोग लगाना चाहिए.
कालरात्रि- माता कालरात्रि की पूजा नवरात्रि के सातवें दिन की जाती है. इस दिन दुर्गा माता के कालरात्रि स्वरूप को प्रसन्न करने के लिए शहद का भोग लगाया जाता है.
महागौरी- नवरात्रि के आठवें दिन माता महागौरी का पूजन किया जाता है. माता महागौरी को इस दिन गुड़ या नारियल का भोग लगाया जाता है.
सिद्धिदात्री- नवरात्रि के अंतिम दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि माता सर्व सिद्धि देने वाली हैं. इस दिन माता को धान के हलवे का भोग लगाना शुभ माना जाता है.