सड़क की जगह पगडंडी
Bermo: बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर पहाड़ों पर बसा है अमन गांव. यहां आज भी लोग आवागमन के लिए घोड़े का सहारा लेते हैं. यह गांव चुटे पंचायत में है. वनों से घिरा यह गांव जन्नत से कम नहीं है. हर तरफ पेड़ ही पेड़ हैं. लेकिन इस गांव तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है. सड़क की जगह उबड़-खाबड़ पगडंडी है. इसलिए लोग आवागमन के लिए घोड़े का उपयोग करते हैं.
विकास के नाम पर करोड़ों खर्च
झुमरा पहाड़ के बाद यह दूसरा अमन पहाड़ है. कभी नक्सलियों की गिरफ्त में था. लेकिन सीआरपीएफ के कारण स्थिति बदली है. सरकार द्वारा झुमरा एक्शन प्लान के तहत गांव के विकास के लिए करोड़ों रूपये खर्च किये गये हैं. लेकिन अमन पहाड़ तक सड़क नहीं पहुंची है. अमन गांव में लगभग डेढ़ सौ लोग रहते हैं. सरकारी राशन की दुकान से लेकर बाजार तक सबकुछ पहाड़ से नीचे है. ग्रामीण ज्ञानचंद महतो ने बताया कि यहां के लगभग सभी घरों में घोड़े हैं. यहां आवागमन के लिए घोड़ा ही सहारा है.
गांव में कोई बेटी नहीं देना चाहता
ग्रामीणों ने बताया कि गांव आने के लिए अच्छी सड़क नहीं है. यहां से पंचायत मुख्यालय चुटे गांव जाने के लिए 5 किलोमीटर पहाड़ से नीचे उतरना पड़ता है. गोमिया प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए लगभग 50 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. आवागमन का कोई भी साधन नहीं होने के कारण इस गांव में कोई बेटी नही देना चाहता है. आज भी यहां के कई युवक कुंवारे हैं. चिकित्सा की व्यवस्था भी नहीं है. गर्भवती महिला या बीमार व्यक्ति को खाट पर लादकर पगडंडियों के सहारे लगभग 6 किलोमीटर चिलगो गांव जाना पड़ता है. ग्रामीणों को अब भी पक्की सड़क का इंतजार है.
 
                 
                                                             
                                         
                                 
                                             
                                         
                                         
    
Leave a Comment