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गोमिया की बेटी का कमाल : जलकुंभी का तैरता बगीचा के जरिए ऑर्गेनिक खेती का दिया नया आइडिया

Bermo : अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के 5वीं सोशल इंटरप्राइजेज आइडिया चैलेंज में बोकारो के गोमिया की बेटी शिवानी कुमारी ने अपने सहयोगी निवास कुमार के साथ मिलकर प्रथम स्थान प्राप्त कर अपने शहर और जिले का मान बढ़ाया है. कोविड 19 संकट विषय पर आयोजित आइडिया चैलेंज में आईआइएम बेंगलुरु, आईआईटी दिल्ली समेत देश के अन्य 85 संस्थानों के छात्रों ने भाग लिया था. इसमें गोमिया चौक निवासी कुष्ण कुमार (टीवीएस शो रूम) की बेटी शिवानी ने जमुई के रहनेवाले निवास कुमार के साथ जलकुंभी का तैरता बगीचा के जरिए ऑर्गेनिक खेती करने का आइडिया देकर सभी प्रतियोगियों को पीछे छोड़ा. संस्थान की ओर से इस आइडिया के लिए 75 हजार रुपये का अवार्ड दिया गया. इसे भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर">https://lagatar.in/jammu-and-kashmir-ddc-election-by-winning-74-seats-bjp-emerged-as-the-largest-party-ravi-shankar-said-lotus-blossomed-in-the-valley/11864/">जम्मू-कश्मीर

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इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग से ऑर्गेनिक खेती की ओर

शिवानी गोमिया आदर्श स्कूल से दसवीं की परीक्षा पास करने के बाद पिटस स्कूल से इंटर साइंस में टॉपर रही हैं. इसके बाद उन्होंने एनआईटी जमशेदपुर से इलेक्ट्रॉनिक्स से इंजीनियरिंग की पढाई पूरी करने के बाद प्रदान संस्था में ग्रामीण विकास के तहत महिला सशक्तीकरण पर आठ माह तक काम किया. [caption id="attachment_11924" align="aligncenter" width="600"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2020/12/shivani23.jpg"

alt="गोमिया चौक निवासी कुष्ण कुमार (टीवीएस शो रूम) की बेटी हैं शिवानी कुमारी " width="600" height="400" /> गोमिया चौक निवासी कुष्ण कुमार की बेटी हैं शिवानी .[/caption] फिर कोलकाता विश्वविद्यालय से एग्रोइकोलॉजी एण्ड पॉलीनेशन पर स्टडी की. इसके बाद ’खेती’ नाम की संस्था में इंटर्नशिप के तहत लखीसराय में जलकुंभी पर रिसर्च किया. इसे भी पढ़ें- गरीबों">https://lagatar.in/ctvs-department-of-rims-proving-a-boon-for-the-poor-60-complex-surgeries-a-year/11884/">गरीबों

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जलकुंभी से बन सकता है हस्तशिल्प बैग, चटाई, बास्केट

तालाब के लिए अभिशाप बनी जलकुंभी से ऑर्गेनिक खेती की जा सकती है. उन्होंने कहा कि जलकुंभी से फलोटिंग वेजिटेबल गार्डन बनाकर खेती की जा सकती है. इसके अलावा जलकुंभी से खाद बनाकर किसानों के लिए खेत में उपयोग कर खेती को उच्च स्तर तक पहुंचाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जलकुंभी में नाईट्रोजन, फासफोरस और पोटैशियम प्रचूर मात्रा में पाया जाता है. इससे हस्तशिल्प बैग, चटाई बास्केट इत्यादि सामान बनाया जा सकता है.

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