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अच्छी पहल: स्कूलों में ही होगी फलों एवं सब्जियों की खेती, सिखाई जाएगी उगाने की तकनीक

  • स्कूली बच्चों को मिलेंगे पौष्टिक फल और सब्जियां
  • सरकार को बच्चों को कुपोषण करने के लिए योजना
Ranchi: राज्य के ग्रामीण परिवेश में व्याप्त कुपोषण की चुनौतियों को दूर करने के लिए स्कूलों में पोषण वाटिका खोली जाएगी. सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले बच्चे अब स्कूल कैंपस में उगाए फल और सब्जियां खाएंगे. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने राज्य के स्कूलों में पढ़ाई कर रहे बच्चों को कुपोषण की समस्या से निजात दिलाने के उद्देश्य से ऐसा निर्णय लिया है. मनरेगा के अभिसरण से स्कूलों में पोषण वाटिका योजना शुरू की गई है. स्कूलों में पोषण वाटिका के लिए मनरेगा से सभी संसाधन उपलब्ध कराए जाने हैं. इस योजना के माध्यम से बच्चों को पौष्टिक सब्जियों व फलों को उगाने की तकनीक सिखाने के साथ उनका पोषण सुनिश्चित किया जाएगा. पोषण वाटिका के तहत होने वाली उपज पूरी तरह से जैविक होगी. स्थानीय मौसमी फल व सब्जियां अपनाने में जोर दिया गया है. पोषण वाटिका की निगरानी के लिए जिला व प्रखंड स्तरीय कमेटी का गठन किया जाना है. जिला स्तरीय कमेटी के डीसी अध्यक्ष व प्रखंड कमेटी के लिए बीडीओ अध्यक्ष होंगे.

क्या है योजना का उद्देश्य

-बच्चों के अंदर आत्मविश्वास व समुदाय के प्रति सहभागिता का भावना पैदा करना -नुकसानदेह भोजन जिसमें पोषण तत्वों की कमी है उसके प्रति जागरूक करना -ताजी व हरी सब्जियों के उपयोग से कुपोषण तथा सुक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से मुक्ति -बच्चों के बीच प्रकृति से जुड़ने तथा बागवानी के प्रति रुझान पैदा करना -व्यावसायिक शिक्षा पद्धति को सीखने का अवसर प्रदान करना -बच्चों की स्वास्थ्य वृद्धि व पर्यावरण संतुलन के लिए लाभकारी -भूमि की उर्वरक शक्ति में वृद्धि

जिला व प्रखंड कमेटी करेगी निगरानी

योजना का चयन चयनित विद्यालयों में पोषण वाटिक के लिए एक दो तीन व पांच डेसिमल भूमि की उपलब्धता, चाहरदीवारी तथा एक सौ मीटर के भीतर सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था अनिवार्य की गई है. जिन स्कूलो में चहारदीवारी नहीं है, उन स्कूलो में नायलॉन या ग्रीन फेंसिंग कराई जाएगी. यदि स्कूल की अपनी भूमि उपलब्ध नहीं है, तो सामुदायिक भूमि या गैर मजरुआ जमीन पर ग्राम सभा के अनुमोदन के बाद यह काम किया जा सकता है. पोषण वाटिका में किन पौधों का किया जाएगा चयन सभी ऋतु- पपीता, केला, मुनगा, मोगिंरा, सहजन व कटहल आदि गर्मी ऋतु -भिंडी, परवल, नेनुआ, बोदी, लौकी, कोहड़ा व चौलाई आदि वर्षा ऋतु- फरसबीन, लौकी, पोई साग व टमाटर शरद ऋतु -धनिया, मेथी, पालक, गाजर, चुकंदर, बैंगन व टमाटर आदि [wpse_comments_template]  

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