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Raipur : छत्तीसगढ़ से अच्छी खबर आयी है. जांजगीर चांपा में 105 घंटे से बोरवेल में फंसे राहुल को कड़ी मशक्कत के बाद मंगलवार देर रात बाहर निकाल लिये जाने की खबर है. बता दें कि पांच दिन से लगभग 300 लोगों की रेस्क्यू टीम उसे सुरक्षित निकालने में लगी हुई थी. जांजगीर-चांपा जिले के पिरहिद गांव में बीते शुक्रवार की दोपहर अपने ही घर के बोरवेल में गिरे 11 साल के राहुल को आखिरकार 104 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद सकुशल बाहर निकाल लिया गया है.
अंततः राहुल ने आंखे खोली
बचाव दल को देखकर राहुल ने प्रसन्नता जाहिर की और अपनी आंखें खोली है। इस ऑपरेशन में एक चौंका देने वाली घटना घटी, आज शाम उस बोरवेल में एक सांप आ गया था लेकिन राहुल की जीवटता से वह खतरा भी टल गया।#SaveRahulAbhiyaan pic.twitter.com/8yt5LlJ5il
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) June 14, 2022
65 फीट गहरे बोरवेल से निकाले जाने के बाद बच्चे की मौके पर मौजूद डॉक्टरों ने जांच की और फिर उसे विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में एम्बुलेंस के जरिए बिलासपुर जिले के अपोलो अस्पताल भेजा गया. इसके लिए लगभग 100 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था. जानकारी के अनुसार एनडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों सहित 500 से अधिक कर्मी शुक्रवार शाम से चल रहे व्यापक बचाव अभियान में शामिल थे.
इस रेस्क्यू अभियान में एक ऐसी बात सामने आयी है जिसे जानकर सभी हैरत में हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन और राहुल की सलामती में एक सांप और एक मेंढक के साथ का भी ज़िक्र किया जा रहा है. मीडिया को जांजगीर कलेक्टर ने बताया कि जैसे ही सुरंग को बोरवेल तक खोदा गया, वैसे ही राहुल के पास एक सांप और एक मेंढक बैठे नजर आये. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी ट्विटर के माध्यम से इस बारे में कहा है. कलेक्टर ने बताया कि राहुल के साथ 105 घंटे तक सांप और मेंढक सुरक्षा कवच बनकर उसके साथ खड़े रहा.
सांप की जानकारी लगते ही डर गया था प्रशासन
जानकारी के अनुसार जब एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन के आखिरी पड़ाव पर थी, उस वक्त सुरंग के अंदर राहुल के साथ एक सांप और एक मेंढक नजर आए थे. इन दोनों ने राहुल को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया. रेस्क्यू टीम सांप को देखकर राहुल की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो थी और उसके सुरक्षित निकलने से पहले से ही एंटी वेनम केटीएम तैयार की गयी थी. जानकारी के मुताबिक बचाव दल के लोग जैसे ही राहुल के पास पहुंचे, उसने अपनी आंखें खोली और उन्हें देखकर मुस्कुराया. उसकी सांसें भी सामान्य चल रही थी.
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बच्चे तक जूस, केला और अन्य खाद्य सामग्रियां भी पहुंचाई जा रही थी
जान लें कि बच्चे तक जूस, केला और अन्य खाद्य सामग्रियां भी पहुंचाई जा रही थीं. विशेष कैमरे से पल-पल की निगरानी रखने के साथ ऑक्सीजन की सप्लाई भी की जा रही थी. आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था और एम्बुलेंस भी तैनात की गयी थी. राज्य आपदा प्रबंधन टीम के अलावा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन (NDRF) की टीम ओडिशा के कटक और भिलाई से आकर रेस्क्यू में जुटी थी. सेना के कर्नल चिन्मय पारीक अपनी टीम के साथ इस मिशन में जुटे थे. रेस्क्यू से बच्चे को सकुशल निकालने के लिए हर सम्भव कोशिश की गई.
11 साल का बालक अपने घर के पास खुले हुए बोरवेल में गिर गया था
जिले के अंतर्गत मालखरौदा ब्लॉक के पिहरीद गांव में 11 साल का बालक राहुल साहू अपने घर के पास खुले हुए बोरवेल में गिर गया था. वह करीब 65 फीट की गहराई पर फंसा हुआ था. 10 जून को दोपहर लगभग 2 बजे अचानक घटी. इस घटना की खबर मिलते ही जिला प्रशासन की टीम कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला के नेतृत्व में तैनात हो गई. समय रहते ही ऑक्सीजन पाइपलाइन की व्यवस्था कर बच्चे तक पहुंचाई गई. कैमरा लगाकर बच्चे की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ उनके परिजनों के माध्यम से बोरवेल में फंसे राहुल पर नजर रखने के साथ उनका मनोबल बढ़ाया जा रहा था.
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