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दो साल सूखा के बाद सरकार अलर्ट : 10 जिलों के 11 सिंचाई परियोजनाओं पर फोकस

Kaushal Anand Ranchi : दो साल का सूखा पड़ने के बाद झारखंड सरकार पूरी तरह से अलर्ट मोड पर हैं. आगामी वर्षों में सुखाड़ से निबटने के लिए सरकार तैयारी में जुट गयी है. जल संसाधन विभाग ने ऐसे 10 जिलों को चिन्हित करके 11 सिंचाई योजना पर तेजी से काम शुरू किया है. इन सिंचाई योजनाओं को लेकर सरकार का निर्देश है कि इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि सूखे के हालात में खेतों तक पानी पहुंचाया जा सके. इसकी मॉनिटरिंग मुख्य सचिव स्तर से की जा रही है. मुख्यमंत्री खुद इन सिंचाई परियोजनाओं पर पैनी नजर रखे हुए हैं.

इन प्रमंडल के इन जिलों पर है फोकस

-उत्तरी छोटानागपुर, संथाल परगना, कोल्हान और पलामू प्रमंडल के 10 जिलों पर विशेष फोकस किया गया है. जो- हजारीबाग, देवघर, साहिबगंज, गोड्डा, जामताड़ा, दुमका, पलामू, लातेहार, गढ़वा, सरायकेला-खरसावां जिला है.

इतने कृषि योग्य भूमि सिंचित करने का है लक्ष्य

इन जिलों में विभाग 11 ऐसी सिंचाई परियोजना पर काम कर रहा है, जिसके पूरे होने से इन जिलों के 2,47,166 हेक्टेयर (2.47 लाख हेक्टेयर) तक कृषि योग्य भूमि सिंचित हो पाएगा. सभी परियोजना पर काम अभी चालू है. पुनासी जलाशय परियोजना - संथाल परगना प्रमंडल में देवघर प्रखंड के पुनासी गांव में पुनासी जलाशय परियोजना पर काम चल रहा है. -परियोजना पर अभी तक 746.86 करोड़ रुपए खर्च हो चुका है. - जिला के बरहेट प्रखंड के पेटखासा गांव में बन रही साहिबगंज की गुमानी बैराज परियोजना में अभी तक 188.98 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. योजना का शीर्ष कार्य पूरा हो चुका है. केवल एफलक्स बांध निर्माण करने की आवश्यकता है, जिसके लिए भू-अर्जन की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. - बटेश्वर स्थान गंगा पंप नहर योजना एक अंतरराज्यीय परियोजना है, जिसका शीर्ष कार्य बिहार में है. झारखंड में मुख्य नहर का लगभग 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. -देवघर जिले में बुढ़ई जलाशय परियोजना बन रही है और दुमका में मिसलिया रानीश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का निर्माण होना है. - सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना देवघर और जामताड़ा जिला के सारठ, करों, विद्यासागर एवं जामताड़ा प्रखंड में प्रस्तावित है. अमानत बराज परियोजना -पांकी प्रखंड में निर्माणाधीन इस परियोजना में अभी तक 325.40 करोड़ रुपए की राशि खर्च हो चुकी है. इस योजना के पूरे होने से 26,990 हेक्टेयर भूमि पर सिंचित होगी. शहीद नीलाम्बर-पीताम्बर उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना - मंडल गांव में निर्माणाधीन इस परियोजना के शेष कार्य को केंद्र सरकार के जल संसाधन मंत्रालय से पूरा करने के लिए इकरारनामा हो चुका है. योजना की लागत अब 3199.83 करोड़ रुपए हो चुकी है. - योजना के पूरे होने से सूखाग्रस्त पलामू और गढ़वा जिला में 22,104 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो पाएगी. सोन कनहर पाइप लाइन परियोजना - राज्य के सुखाड़ग्रस्त गढ़वा जिला में यह परियोजना स्वीकृत है. योजना में अभी तक 861.63 करोड़ रुपए खर्च हो चुका है. -परियोजना के पूरे होने से जिले के 15 प्रखंडों में 22,000 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित हो पाएगी. कोनार सिंचाई परियोजना -हजारीबाग जिला के विष्णुगढ़ प्रखंड के बनासो गांव के समीप कोनार सिंचाई परियोजना पर काम चल रहा है. योजना में अभी तक 511.49 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. - योजना के पूरी होने पर हजारीबाग सहित गिरिडीह, बोकारो के विष्णुगढ़, बगोदर, डुमरी, नावाडीह प्रखंडों के कुल 62,955 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी. भीमखांड माइक्रो लिफ्ट सिंचाई परियोजना सरायकेला-खरसावां जिला के खरकई बैराज के दांयी तरफ के कमांड क्षेत्र के दक्षिणी भूभाग में राजनगर प्रखंड में सिंचाई क्षमता देने के लिए इस परियोजना का निर्माण कराया जाना है. परियोजना के लिए 76.65 करोड़ रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है. - योजना के पूरा होने से प्रखंड के 1000 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो पाएगी.

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