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alt="" width="255" height="191" /> अनुराग गुप्ता की फाईल फोटो[/caption] अनुराग गुप्ता झारखंड पुलिस में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं. गढ़वा, गिरिडीह, हजारीबाग जैसे जिलों में एसपी और रांची के एसएसपी के पद पर रहते हुए उन्होंने कई उल्लेखनीय कार्य किये. एकीकृत बिहार में भी अनुराग गुप्ता ने बेहतर कार्य किये थे. तब उन्हें वीरता के लिए राष्ट्रपति का गैलेंट्री अवार्ड मिला था. [caption id="attachment_1008466" align="alignnone" width="283"]
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alt="" width="283" height="159" /> अनुराग गुप्ता की फाईल फोटो[/caption] डीआईजी बनने के बाद उन्होंने बोकारो रेंज के डीआईजी के पद पर लंबे समय तक काम किया. आईजी रैंक में प्रोन्नति मिलने के बाद वह झारखंड पुलिस मुख्यालय में आईजी प्रोविजन के पद पर रहे. उन्होंने सीआईडी के आईजी के पद पर भी काम किया. अनुराग गुप्ता को एडीजी स्पेशल ब्रांच के पद का लंबा अनुभव है. सीआईडी डीजी रहते हुए उन्होंने कई साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कराया. उल्लेखनीय है कि यूपी, पंजाब, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना की तर्ज पर झारखंड सरकार राज्य में भी डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) नियुक्ति प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किया है. महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक झारखंड ( पुलिस बल प्रमुख) का चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2024 दिया गया है. सात जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया था. सरकार के इस फैसले से पहले डीजीपी के चयन के लिए राज्य सरकार यूपीएससी को आईपीएस अधिकारियों के नामों का पैनल भेजती थी, जिसमें से तीन नामों को स्वीकृत कर यूपीएससी उसे फिर राज्य सरकार को भेज देती थी. उन्हीं तीन नामों में से किसी एक को राज्य सरकार डीजीपी बनाती थी. पर, अब ऐसा नहीं होगा. राज्य सरकार ने नई नियमावली बनाने की जरुरत महसूस की. क्योंकि वर्ष 2019 से डीजीपी के पैनल को लेकर यूपीएससी और राज्य सरकार के बीच विवाद होता रहा है. यही नहीं, पहले पैनल भेजने से लेकर डीजीपी की नियुक्ति तक करीब तीन-चार महीने का समय लग जाता था. नई व्यवस्था होने से अब सरकार को यूपीएससी को अधिकारियों के नाम का पैनल नहीं भेजना होगा, बल्कि यूपीएससी के अधिकारी ही यहां आएंगे. इससे समय भी बचेगा.