Ranchi: राज्य सरकार ने डीजीपी को 30 अप्रैल 2025 के दिन (बुधवार), यानी आज रिटायर कराने के निर्देश पर असहमति जताने का मन बना चुकी है. राज्य सरकार केंद्र सरकार को पत्र लिखेगी. इसकी तैयारी की जा रही है. केंद्र को भेजे जाने वाले जवाब में राज्य सरकार द्वारा डीजीपी की नियुक्ति के लिए बनाये गये नियम को सही करार दिया जायेगा. सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार ने डीजीपी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति प्रकरण में केंद्र द्वारा दिये गये दिशा निर्देश के मुद्दे पर कानूनी राय लेने के बाद अपना जवाब भेजने की तैयारी की है. पत्र में केंद्र द्वारा उठाये गये हर बिंदु का जवाब जायेगा.
राज्य सरकार का तर्क है कि डीजीपी नियुक्ति के लिए बनाया गया नियम सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के अनुरूप है.
सरकार का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रकाश सिंह बनाम केंद्र सरकार के मामले में डीजीपी की नियुक्ति के लिए पैनल बना कर यूपीएससी से अनुमोदित कराने का निर्देश अस्थायी व्यवस्था के तहत दिया है. राज्य सरकार ने पुलिस एक्ट में निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए डीजीपी की नियुक्ति नियमावली बनायी है. सरकार द्वारा बनाया गया नियम सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के अनुकूल है.
सरकार यह मानती है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आलोक में डीजीपी का कार्यकाल दो साल का निर्धारित है. इसलिए इससे पहले राज्य के डीजीपी को पद से हटाना सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का उल्लंघन होगा.
सरकार की तरफ से यह भी तर्क है कि डीजीपी की नियुक्ति के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में भी एक मामला विचाराधीन है. न्यायालय द्वारा अभी यह फैसला किया जाना बाकी है कि अनुराग गुप्ता की नियुक्ति नियमानुसार है या नहीं. इसलिए इस मुद्दे पर न्यायालय के फैसले के पहले भी पद से हटाना सही नहीं है.
कोई आदेश जारी नहीं
- डीजीपी अनुराग गुप्ता के मुद्दे पर लगातार दूसरे दिन बुधवार को भी अनिश्चितता की स्थिति बनी रही. राज्य सरकार ने डीजीपी अनुराग गुप्ता को पद से हटाने का कोई आदेश जारी नहीं किया ना ही उन्होंने पद त्याग किया. ब्यूरोक्रेसी में अलग-अलग तरह की चर्चा है. कुछ यह मान रहे हैं कि अनुराग गुप्ता केंद्र सरकार के निर्देश के विपरीत डीजीपी के पद पर बने हुए है. उन्हें डीजीपी के पद से हटाने के लिए सरकार की ओर से आदेश जारी करने की बाध्यता है या नहीं. इस मु्द्दे पर भी अधिकारियों की अलग अलग राय है. कुछ अधिकारियों का मानना है कि केंद्र सरकार ने अनुराग गुप्ता को रिटायर कराने के आदेश दिया है. किसी अधिकारी के रिटायरमेंट के समय सरकार के स्तर से कोई आदेश नहीं निकला जाता है. रिटायरमेंट की तिथि पर संबंधित अधिकारी द्वारा अपना पद त्याग कर दिया जाता है. दूसरी तरफ़ कुछ अधिकारियों का यह मानना है कि सरकार ने अनुराग गुप्ता को दो साल के लिए डीजीपी के पद पर नियुक्त किया है. इसलिए केंद्र सरकार के निर्देश के आलोक में अनुराग गुप्ता को रिटायर कराने के लिए उन्हें डीजीपी के पद से हटाने का आदेश जारी करना जरूरी है.