Pakur : सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों पर अक्सर कई आरोप लगते हैं, मगर इसके उलट पाकुड़ जिले के सरकारी डॉक्टरों के अथक प्रयास से ही तीन जिंदगी बच गई. यह हुआ है पाकुड़ के सोनाजोड़ी के सदर अस्पताल में. यहां के डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन कर कोरोना पॉजिटिव पहाड़िया जनजाति की गर्भवती महिला सहित उसके जुड़वां बच्चों को बचा लिया. ऑपरेशन के बाद जच्चा-बच्चा तीनों स्वस्थ हैं.
इसे भी पढ़ें : पलामू के चियांकी में चाकू गोदकर युवक की हत्या, मौसरे भाइयों पर हत्या का आरोप
पाकुड़ : गर्भवती की हालत अच्छी नहीं थी
डॉक्टरों की टीम में सर्जन डॉ. शंकर लाल मुर्मू, डॉ. डोमिनिका मरांडी और एनेस्थिशियन डॉ. जितेंद्र कुमार शामिल थे. दरअसल जिले के लिट्टीपाड़ा प्रखंड की पहाड़िया जनजाति की एक महिला को प्रसव पीड़ा उठने के बाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. महिला की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. वह कोरोना पॉजिटिव भी थी. ऐसे में महिला का ऑपरेशन खतरे से खाली नहीं था. महिला की स्थिति को लेकर बताया जाता है कि अगर सही समय पर ऑपरेशन नहीं होता तो उसकी और उसके दोनों बच्चों की जान भी जा सकती थी. ऑपरेशन के लिए डॉक्टरों की टीम तो मौजूद थी, लेकिन कोरोना पॉजिटिव उस महिला के ऑपरेशन से डॉक्टरों के स्वास्थ्य लिए भी खतरा हो सकता था. लेकिन डॉक्टरों की टीम ने अपनी जान या स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर ऑपरेशन के लिए तैयार हो गई.
टीम में शामिल महिला डॉक्टर को पिछले साल कोरोना हुआ था
यहां एक अहम बात यह भी है कि डॉक्टरों की टीम में एक महिला डॉक्टर भी शामिल थी, जो पिछले साल लॉकडाउन के दौरान ही कोरोना पॉजिटिव मरीज के ऑपरेशन के दौरान खुद भी कोरोना से संक्रमित हो गई थीं. इससे महिला डॉक्टर को इलाज के लिए 14 दिनों तक क्वारंटीन भी होना पड़ा था. इन सबके बावजूद ऑपरेशन के लिए तैयार हो गई. पूरी टीम ने महिला का सफल ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों की टीम महिला और बच्चों की देखरेख में लगी है. इधर यह मामला जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. हर कोई टीम में शामिल डॉक्टरों की कर्तव्यपरायणता और सफल ऑपरेशन की सराहना कर रहे हैं.
कोरोना अपडेट : 24 घंटे में मिले 62 हजार से अधिक नये मरीज, 312 लोगों की हुई मौत
रांची : देखें कैसे कांके में घुसे हाथी ने युवक को दौड़ाकर पटका, मची अफरा-तफरी,रिम्स रेफर