ना खाउंगा, ना खाने दूंगा वाली सरकार ने आपदा कोष की 250 करोड़ की FD खास्ताहाल यस बैंक में करायी थी!

Soumitra Roy वो कहते थेः ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा. हम तो फकीर हैं. देश के लिये घर, परिवार सब छोड़ दिया. उनके समर्थक कहते हैं: आगे-पीछे कोई नहीं. घर नहीं. परिवार नहीं. फिर किसके लिये करेंगे गलत काम? क्यों करेंगे भ्रष्टाचार? पर पीएम राष्ट्रीय आपदा कोष को लेकर जो सवाल उठ रहे हैं, वह उपर के वक्तव्यों और धारणाओं को गलत ठहरा रहे हैं. पीएम केयर्स की इस साल ऑडिट रिपोर्ट नहीं आई है. पर पीएम राष्ट्रीय आपदा राहत कोष को लेकर कुछ रिपोर्ट्स सामने आये हैं, जिसकी वजह से सवाल उठ रहे हैं. लेकिन जवाब देने की जिसकी जिम्मेदारी है, वह बोल ही नहीं रहें. उन्हें फर्क भी नहीं पड़ता. एक सनसनीखेज़ खबर यह है कि मोदी सरकार ने पीएम राष्ट्रीय आपदा राहत कोष का दुरुपयोग किया. वर्ष 2019-20 के स्टेटमेंट से पता चला है कि मोदी सरकार ने राहत कोष में से 250 करोड़ की फिक्स्ड डिपोजिट (एफडी) किया. एफडी खस्ताहाल यस बैंक में करवाई. यह तब किया गया, जब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने एक साल पहले ही 2018 में यस बैंक की आर्थिक स्थिति खराब होने की बात कह दी थी. यह फिक्स्ड डिपोजिट तब किया गया, जबकि आरबीआई ने वर्ष 2019 की शुरुआत में ही यस बैंक पर पाबंदी लगा दी थी. वित्तमंत्री भी कह चुकी हैं कि इस बैंक पर वर्ष 2017 से ही आरबीआई की नजर थी. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि जब बैंक को लेकर तमाम तरह के निगेटिव खबरें थीं. बैंक पर पाबंदियां लगाई गई थी. तब मोदी सरकार ने उसी बैंक में 250 करोड़ रूपये की एफडी क्यों करवाई. क्यों सरकार ने सरकारी बैंकों के बदले एक निजी बैंक में एफडी करवाई. कहीं ऐसा तो नहीं कि राहत के लिये जमा पैसे से एक निजी बैंक को लाभ देने की कोशिश थी. आखिर किसके कहने और किसके दवाब में यह हुआ. सवाल और भी बहुत हैं, लेकिन जवाब एक के भी नहीं. शायद ही कभी जवाब मिले भी. डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं.
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