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सरकार मणिपुर मुद्दे पर चर्चा को तैयार, विपक्ष का हंगामा, लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

New Delhi : लोकसभा में आज गुरुवार को कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने मणिपुर हिंसा का मुद्दा उठाते हुए हंगामा किया. सदस्यों के शोर शराबे के कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 2 बजकर 5 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी. सरकार ने निचले सदन में कहा कि वह मणिपुर के मुद्दे पर लोकसभा अध्यक्ष द्वारा तय किसी भी तारीख पर चर्चा कराने को तैयार है जिसका विस्तृत जवाब गृह मंत्री अमित शाह देंगे. संसद के मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा की बैठक शुरू हुई तो सदन के दो मौजूदा और 11 पूर्व दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद पूर्वाह्न करीब 11 बजकर 10 मिनट पर कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. ">https://lagatar.in/category/desh-videsh/">

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हम संसद के दोनों सदन में चर्चा कराने को तैयार हैं

अपराह्न दो बजे बैठक शुरू हुई तो पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने आवश्यक कागज सदन के पटल पर रखवाए. इस दौरान कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर की हिंसा का मुद्दा उठाने लगे. कुछ सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी भी कर रहे थे. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष मणिपुर पर चर्चा की मांग कर रहा है और सरकार इसके लिए तैयार है. उन्होंने कहा, मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हमने, सदन के उपनेता राजनाथ सिंह जी ने स्पष्ट कर दिया है कि हम संसद के दोनों सदन में इस विषय पर चर्चा कराने को तैयार हैं.

मणिपुर का विषय संवदेनशील है

मणिपुर का विषय संवदेनशील है. इस पर चर्चा का विस्तृत उत्तर गृह मंत्री (अमित शाह) देंगे. जोशी ने विपक्षी सदस्यों से आग्रह किया कि लोकसभा अध्यक्ष चर्चा के लिए जो तारीख तय करेंगे, सरकार चर्चा करायेगी, लेकिन वे सदन में सुचारू रूप से कामकाज चलने दें. विपक्षी सदस्यों का हंगामा नहीं थमने पर पीठासीन सभापति सोलंकी ने दोपहर दो बजकर पांच मिनट पर बैठक को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया.

राज्यसभा : मणिपुर हिंसा पर विपक्ष का हंगामा, नहीं चली बैठक

मणिपुर में लगभग दो महीने से जारी जातीय हिंसा पर कार्य स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा कराने की मांग को लेकर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण गुरुवार को राज्यसभा की कार्यवाही बाधित रही. बैठक को दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर आठ मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया. मानसून सत्र के पहले दिन आज जैसे ही सुबह 11 बजे राज्यसभा की कार्यवाही आरंभ हुई तो सबसे पहले दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गयी और फिर दोपहर 12 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गयी. दोपहर 12 बजे दोबारा सदन की बैठक आरंभ होने पर सभापति ने बताया कि विभिन्न मुद्दों पर अल्पकालिक चर्चा के लिए नियम 176 के तहत उन्हें 12 नोटिस मिले हैं और इनमें से आठ नोटिस मणिपुर हिंसा से संबंधित हैं.

कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने   हंगामा आरंभ कर दिया

इस क्रम में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर चर्चा को तैयार है. लेकिन कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने इस दौरान हंगामा आरंभ कर दिया और नियम 176 के तहत चर्चा कराये जाने पर आपत्ति जताई. तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने कहा कि सदस्यों ने नियम 267 के तहत भी इस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए नोटिस दिये हैं. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि कांग्रेस के सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिए हैं, जिसमें सारे कामकाज स्थगित कर चर्चा कराने का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को सदन में आना चाहिए और इस मुद्दे पर बयान देना चाहिए और फिर चर्चा की जानी चाहिए.उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री को सदन में आकर अपना मुंह खोलना होगा... मणिपुर, मणिपुर, मणिपुर.

कहां हैं, देश के प्रधानमंत्री... सदन में आयें

कहां हैं, देश के प्रधानमंत्री... सदन में आयें और मणिपुर पर बोलें. इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने अपने अपने स्थान पर खड़े होकर हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के बीच, धनखड़ ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजकर 12 मिनट पर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. दोपहर दो बजे बैठक फिर शुरू होने पर विपक्ष के कई सदस्यों ने मणिपुर के मुद्दे पर कार्य स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा कराये जाने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. खड़गे ने कहा, मैं अपना हाथ उठा रहा हूं किंतु मुझे नियम 267 के तहत बोलने का अवसर नहीं दिया जा रहा है. कहा कि उन्होंने मणिपुर हिंसा पर नियम 267 के तहत चर्चा कराने के लिए सुबह नौ बजे ही सचिवालय के पास अपना नोटिस भिजवा दिया था. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें नियम 267 के तहत उनकी बात कहने का अवसर नहीं दिया जा रहा है. खड़गे ने कहा, ‘मणिपुर जल रहा है, महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहे हैं, उन्हें निर्वस्त्र घुमाया जा रहा है... और प्रधानमंत्री चुप बैठे हैं. वह सदन के बाहर बयान दे रहे हैं।’’ इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने मणिपुर मुद्दे पर चर्चा कराये जाने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. हंगामा बढ़ता देख सभापति न बैठक को शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. [wpse_comments_template]

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