Ranchi: बाल कल्याण समिति यानी सीडब्लूसीऔर न्याय बोर्ड यानी जेजेबी में रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान गढ़वा जिला प्रशासन के द्वारा अदालत को बताया गया कि अब तक 40 से ज्यादा बच्चों को रेस्क्यू कराया गया है. इसपर कोर्ट ने पूछा कि रेस्क्यू कराए गए बच्चों के पुनर्वास के लिए क्या किया जा रहा है, इसकी जानकारी दी जाए. वहीं सीडब्ल्यूसी और जेजेबी में रिक्त पदों पर नियुक्ति के बिंदु पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सिलेक्शन कमिटी के मेंबर सेक्रेट्री एवं विभागीय सचिव को बुधवार को अदालत के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित होने का निर्देश दिया है. राज्य सरकार की ओर से अदालत में पक्ष रख रहे महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट से आग्रह किया कि जब तक उक्त पदों पर नियुक्ति नहीं हो जाती, तब तक कोर्ट वर्तमान सीडब्ल्यूसी चेयरमैन और जेसीबी के मेंबर की कार्य अवधि को विस्तार कर दे. अधिवक्ता अनूप अग्रवाल के मुताबिक, कोर्ट ने इस आग्रह को स्वीकार नहीं किया और मौखिक रूप से कहा कि सीडब्ल्यूसी चेयरमैन और जेजेबी के सदस्यों की नियुक्तियां नहीं होने के लिए सरकार जिम्मेवार है.
सामाजिक संस्था ने याचिका दायर की है
बता दें कि बचपन बचाओ आंदोलन नाम की सामाजिक संस्था ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. उसी मामले में हाईकोर्ट के अधिवक्ता अनूप अग्रवाल ने भी हस्तक्षेप याचिका दायर कर राज्य में सीडब्ल्यूसी और जेजेबी में रिक्त पदों पर नियुक्ति की मांग करते हुए अदालत से उक्त पदों पर नियुक्ति के लिए हस्तक्षेप की मांग की है.
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