Ranchi: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा सीजीएल परीक्षा पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सरकार पर कड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस मुख्यमंत्री द्वारा सीआईडी जांच के आदेश को प्रभावित करने की कोशिश है. प्रतुल ने इसे हड़बड़ी भरा कदम बताते हुए कहा कि यह पूरे मामले को और संदिग्ध बना देता है.
15 दिसंबर के छात्र प्रदर्शन से भयभीत है सरकार
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि 15 दिसंबर को छात्रों द्वारा प्रस्तावित प्रदर्शन के डर से सरकार और जेएसएससी दबाव में हैं. उन्होंने कहा कि जेएसएससी को प्रेस कॉन्फ्रेंस के बजाय सीआईडी को जांच में सहयोग देना चाहिए था.
सीजीएल परीक्षा पर गंभीर आरोप
प्रतुल शाहदेव ने सीजीएल परीक्षा पर लगे बड़े आरोपों का उल्लेख करते हुए कहा कि पहली परीक्षा में 25 लाख रुपये में प्रश्न पत्र लीक होने का आरोप लगा. दूसरी परीक्षा में इंटरनेट बंद होने के बावजूद छात्रों ने प्रश्न पत्रों को पुराने पैटर्न के आधार पर हल करने की शिकायत की. अदालत में मामला लंबित होने के बावजूद परिणाम घोषित किया गया. छात्रों द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान हजारीबाग में लाठीचार्ज हुआ.
स्थानीयता परिभाषित नहीं, तो दावे कैसे?
भाजपा प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि जब सरकार ने आज तक स्थानीयता की स्पष्ट परिभाषा या कट-ऑफ डेट तय नहीं की है, तो जेएसएससी यह दावा कैसे कर रही है कि 80% से अधिक चयन स्थानीय छात्रों का हुआ है. उन्होंने मुख्यमंत्री पर वादे से मुकरने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में 100% स्थानीय आदिवासी और मूलवासी छात्रों को नौकरी देने का वादा किया गया था.
जेएसएससी अधिकारियों को धमकी का मामला गंभीर
प्रतुल शाहदेव ने जेएसएससी अधिकारियों को ईमेल के जरिए मिली धमकियों को गंभीर बताते हुए कहा कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. साथ ही, धमकी झेल रहे अधिकारियों को सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए. भाजपा प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री से अपील की कि इस संदिग्ध मामले की जांच सीआईडी से हटाकर सीबीआई को सौंपनी चाहिए, ताकि निष्पक्षता सुनिश्चित हो और दोषियों को सजा मिल सके.
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