Ranchi : पासवा ने प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे के नेतृत्व में रघुवर सरकार द्वारा 2019 में आरटीआई कानून में किए संशोधन को निरस्त करने व शहरों में स्कूल के लिए 75 डिसमिल जमीन तथा ग्रामीण इलाकों में एक एकड़ जमीन की बाध्यता को अविलंब निरस्त करने की मांग को लेकर शिक्षा सचिव राजेश कुमार शर्मा से मुलाकात की. उन्हें ज्ञापन सौंपा. साथ ही राज्य के सभी कक्षा के लिए स्कूल खोलने के लिए धन्यवाद दिया. प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष अरविन्द कुमार, रांची महानगर अध्यक्ष डा. सुषमा केरकेट्टा, कैलाश कुमार, संजय कुमार, कमली खाखा, अभिषेक साहू, संजीत यादव भी शामिल थे.
शिक्षा मंत्री ने भी सहमति दी है
शिक्षा सचिव ने जमीन की बाध्यता कानून समाप्त किए जाने को लेकर पासवा के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है. वहीं प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो एवं वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर राव ने भी जमीन की बाध्यता कानून बदलने को लेकर अपनी सहमति दी है. वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी पासवा ने 2019 के कानून को निरस्त करने का अनुरोध किया था, जिस पर मुख्यमंत्री ने भी कहा था कि हम फैल नहीं सकते हैं बल्कि ऊपर जा सकते हैं.
त्रुटियों पर भी शिक्षा सचिव का ध्यान आकृष्ट कराया
आलोक दूबे ने कहा कि पासवा के प्रयास से स्कूल खोलने के लिए जमीन की बाध्यता कानून जल्द ही समाप्त हो जायेगा व 30 साल के लिए जमीन की लीज में भी छूट दी जा सकेगी. पासवा ने सौंपे ज्ञापन में सरकार की ओर से तैयार किए जा रहे प्रस्तावना में स्कूल भवन के निर्माण के लिए नगर निगम से नक्शा पास कराने, अग्निशामक विभाग से एनओसी सर्टिफिकेट लेने, शिक्षक नियुक्ति में टीजीटी पास होने को अनिवार्य किए जाने की त्रुटियों पर भी शिक्षा सचिव का ध्यान आकृष्ट कराया.
टीकाकरण को पासवा राज्य में सफल बनायेगी
पासवा ने शिक्षा सचिव से यह भी अनुरोध किया है कि सरकारी स्कूलों के सभी शिक्षकों को अनिवार्य रूप से अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने का अध्यादेश जारी किया जाए, ताकि सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार हो सके. पासवा अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि 12 साल से 14 साल के बच्चों का प्रारंभ होने वाले टीकाकरण को पासवा राज्य में सफल बनायेगी. राज्य के सभी 47 हजार निजी विद्यालय बच्चों के टीकाकरण को शत प्रतिशत सफल बनाने में सहयोग करेगी, बशर्ते सरकार निजी स्कूलों में टीका की व्यवस्था कर दे.
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