Ranchi : झारखंड विधानसभा में गुरुवार को सभी प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लेने के राज्य के मान्यता प्राप्त संस्थान से मैट्रिक और इंटर (10+2) से पढ़ाई का मुद्दा उठा. भाजपा विधायक नारायण दास ने कहा कि सरकार ने प्रतियोगिता परीक्षा के लिए जो नियमावली बनाई है, उससे प्रतिगोगिता परीक्षा तैयारी कर रहे बच्चों में काफी आक्रोश है. उन्होंने कहा कि मंत्री लोग 1932 के खतियान की बात करते हैं. सरकार का जबाब कुछ और आता है. जब सरकार की नियोजन और अस्थानीय नीति ही स्पष्ट नहीं है, तो क्यों नहीं नियुक्ति विज्ञापन निकालना बंद कर देती है. उन्होंने कहा कि राज्य के कई मां-बाप ऐसे हैं, जो राज्य के बाहर कार्यरत हैं. ऐसे में नियुक्ति नियमावली में संशोधन करना जरूरी है.
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सरकार स्थानीयता हित में नियमावली लेकर आयी है – आलमगीर
इसपर प्रभारी मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार के पास नियुक्ति नियमावली में संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है. सरकार ने स्थानीयता हित में यह नियमावली लेकर आयी है. इसमें आरक्षित श्रेणी के बच्चों को राज्य से मैट्रिक और 10+2 की बाध्यता को बाहर रखा गया है.
आलमगीर के जवाब पर भाजपा विधायक ढुल्लू महतो ने मांग किया कि आरक्षित श्रेणी के साथ उपरोक्त प्रावधानों का लाभ सरकार सामान्य वर्ग के बच्चों को क्यों नहीं देती है. ढुल्लू ने कहा कि राज्य के 60 % लोग बाहर काम करने जाते हैं. इसमें सामान्य वर्ग के लोग भी शामिल हैं. ऐसे में बाहर कार्यरत सामान्य वर्ग के बच्चों को भी नई नियुक्ति नियमावली में मैट्रिक और 10+2 के बाध्यता से सरकार छूट दे.
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