दवाई दोस्त बंद करने से जनता को परेशानी होगी
उन्होंने कहा कि दवाई दोस्त को बंद करने से जनता को परेशानी होगी. इस आदेश को वापस लिया जाना चाहिये. दवाई दोस्त को खाली कराने का अर्थ गरीब जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित करना है. प्रसाद ने कहा ये महज एक बहाना है. दवाई दोस्त बंद करने के लिये तकनीकि बहाना बनाया जा रहा है. जिससे इसके आवंटन को रद्द किया जा सके. ये एक जन विरोधी कार्य है. सरकारी अस्पतालों में गरीब जनता का इलाज तो होता नहीं, अब सस्ती दवाईयां भी बंद हो जायेंगी तो लोग कहां जाएंगे. बता दें कि रिम्स प्रबंधन ने अगस्त तक परिसर के दवाई दोस्त को बंद होने का आदेश दिया है. इससे संबधित नोटिस दवाई दोस्त को दे दिया गया है. राज्य सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की. इसे भी पढ़ें- नीतीश">https://lagatar.in/is-nitish-kumars-new-attitude-tolerable-or-a-sign-of-rebellion/122953/">नीतीशकुमार का नया तेवर तोलमोल है या फिर किसी बगावत का संकेत जनार्दन प्रसाद ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों की दवाइयां महंगी होती जा रही हैं. ऐसी दवाइयां गरीबों के पहुंच से बाहर हैं. ऐसे में जो दवाई गरीब जनता को सस्ती दरों में मिल रही थी, उसे भी बंद किया जा रहा है. जबकि रिम्स में लोगों को सही से इलाज तो मिलता नहीं. यहां तक कि गरीबों को मुफ्त इलाज तक नहीं मिलता है. जबकि कई सरकारों ने इसका दावा किया था. बावजूद इसके दवाई दोस्त को हटाया जा रहा. इसे भी पढ़ें- झामुमो">https://lagatar.in/jhamumo-dissolves-district-committee-of-west-singhbhum/123161/">झामुमो
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