Ranchi : कोयले के रिजर्व प्राइस और लाइम स्टोन पर रायल्टी की सही गणना नहीं करने की वजह से झारखंड सरकार के राजस्व के रूप में 60.85 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. नुकसान की इस राशि में रिजर्व प्राईस के 60.30 करोड़ रुपये और रायल्टी का 55.05 लाख रुपये शामिल है. महालेखाकार ने ऑडिट के दौरान पायी गयी इस गड़बड़ी का उल्लेख किया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोल माइन स्पेशल प्रोविजन (CMSP) एक्ट 2015 के तहत आवंटित किये गये कोल ब्लॉक के रिजर्व प्राइस को बढ़ाने का प्रावधान है. स्टैंडर्ड बिडिंग डाकुमेंट (SBD) में इसका फार्मूला निर्धारित है. ऑडिट ने पाकुड़ के जिला खनन पदाधिकारी के अधिकार क्षेत्र के दो लीजधारकों द्वारा दाखिल किये गये रिटर्न की जांच की. इसमें पाया गया कि वर्ष 2019-22 तक की अवधि में दोनों लीजधारकों ने 296.52 लाख एफटी कोयले का उत्पादन किया था. लेकिन इस पर 100 रुपये प्रति टन की दर से सिर्फ फिक्स रिजर्व प्राइस का भुगतान किया था. इन लोगों के रिजर्व प्राइस को बढ़ाने के फार्मूले का उपयोग कर अंतर की राशि का भुगातन नहीं किया था.
ऑडिट में SBD में निर्धारित फार्मूले का प्रयोग करते हुए इन लीज धारकों पर लगाये जाने वाले टैक्स की गणना की गई. ऑडिट ने पाया गया है कि केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित फार्मूले के तहत दोनों लीज धारकों पर 356.83 करोड़ रुपये टैक्स लगाया जाना चाहिए था. लेकिन इन लीज धारकों पर सिर्फ 296.52 करोड़ रुपये का ही टैक्स लगाया गया. इस तरह सरकार को इस मामले में रिजर्व प्राइस के रूप में 60.30 करोड़ रुपये कम मिला.
आडिट रिपोर्ट में इस नुकसान के लिए दो कारण बताये गये हैं. इसमें से पहला कारण सरकार के पास रिजर्व प्राइस की जांच के लिए कोई Automated system का नहीं होना है. दूसरा कराण जिला खनन पदाधिकारी द्वारा लीज धारकों के मासिक रिटर्न की जांच नहीं करना है.
रिपोर्ट में लाइम स्टोन की चर्चा करते हुए कहा गया है कि MMDR Act 1957 में निहित प्रावधानों का उल्लेख किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एक्ट में लाइम स्टोन को दो श्रणी में बांटा गया है. पहली श्रेणी के लाइम स्टोन पर 90 रुपये प्रति टन रायल्टी लगाने का नियम है. दूसरी श्रणी के लाइम स्टोन पर 80 रुपये प्रति टन की दर से रायल्टी लगाने का नियम है. संशोधित MMDR Act 2021 में मूल रायल्टी के बराबर अतिरिक्त रायल्टी लगाने का प्रावधान है. अतिरिक्त रायल्टी लगाने के लिए किसी खास खनिज के साथ लाइम स्टोन का लीज नवीकरण की शर्त है.
ऑडिट के दौरान चाईबासा के जिला खनन पदाधिकारी के अधिकार क्षेत्र के दो लीज धारकों के मामले की जांच की गयी. इसमें पाया गया कि दो लीज धारकों ने अप्रैल और मई 2021 के बीच 68.81 हजार एमटी लाइम स्टोन डिस्पैच किया था. इन दोनों लीज धारकों के लीज का नवीकरण अक्तूबर 2017 में किया गया. सरकार ने लीज का नवीकरण मार्च 2030 तक के लिए किया है.
दोनों लीज धारकों पर लीज नवीकरण के बाद डिस्पैच किये गये लाइम स्टोन पर मूल रायल्टी के बराबर अतिरिक्त रायल्टी लगाया जाना चाहिए था. लेकिन जिला खनन पदाधिकारी ने सिर्फ मूल रायल्टी के रूप में 55.05 लाख रुपये की वसूली की. अतिरिक्त रायल्टी नहीं लगाने की वजह से सरकार को लाइम स्टोन से रायल्टी के रूप मे 55.05 लाख रुपये का नुकसान हुआ.
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