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देवघर रोपवे हादसा पर सरकार की पूरी नजर, युद्ध स्तर पर जारी है राहत व बचाव : हेमंत सोरेन

Ranchi/ Deoghar : देवघर के त्रिकूट पर्वत पर रोपवे का तार टूटने से हुए हादसे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गहरा दुख जताया है. साहेबगंज जाने से पहले रांची एयरपोर्ट में संवाददाताओं को सीएम ने बताया कि हादसे के बाद युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है. सीएम ने कहा कि एनडीआरएफ और सेना बचाव दल के द्वारा लोगों को सकुशल निकालने का प्रयास किया जा रहा है. इसमें विशेषज्ञों की भी सहायता ली जा रही है. हादसे पर सरकार की पूरी नजर है. राहत और बचाव कार्यों के लिए सरकार द्वारा लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं. सीएम ने कहा कि रोपवे बनाने वाली टीम भी घटनास्थल पर पहुंच गयी है. इसे भी पढ़ें –लोहरदगा">https://lagatar.in/jharkhand-news-lohardaga-communal-violence-case-injured-person-dies-during-treatment-police-are-interrogating-people-from-both-groups/">लोहरदगा

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एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर भी बचाव कार्य में लगे हैं

इससे आगे सीएम ने कहा कि रोपवे में फंसे पर्यटकों को सकुशल नीचे उतारने का प्रयास चल रहा है. देवघर जिला प्रशासन एवं एनडीआरएफ की टीम आपसी समन्वय के साथ इस कार्य में जुटी है. राज्य सरकार के विशेष अनुरोध पर इंडियन एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर द्वारा फंसे यात्रियों के सकुशल वापसी करायी जा रही है. घटना में दो पर्यटकों के मारे जाने की खबर है. जबकि एक गंभीर रूप से घायल है, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया है. इसे भी पढ़ें –Twitter">https://lagatar.in/elon-musk-will-not-be-included-in-the-board-of-twitter-parag-aggarwal-informed/">Twitter

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समुद्र तल से 2470 फीट की उंचाई तक जाता है रोप-वे

देवघर का त्रिकुट पहाड़ झारखंड के रोमांचक पर्यटन स्थल में से एक है. इस पहाड़ पर आप ट्रेकिंग, रोपेवे, वन्यजीवन एडवेंचर्स की जाती है. रोप-वे के जरिये चढ़ाई करते वक्त पहाड़ी पर घने जंगल में प्रसिद्ध त्रिकुटाचल महादेव मंदिर और ऋषि दयानंद की आश्रम मिलता है. यह एक ट्रायकिट हिल्स है. जिसमें  तीन चोटियां हैं और सबसे उंची चोटी समुद्र तल से 2470 फीट की ऊंचाई तक जाती है. और जमीन से लगभग 1500 फीट की उंचाई पर लोग ट्रेकिंग का आनंद लेते हैं. तीनों चोटियों में से केवल दो को ही ट्रेकिंग के लिए सुरक्षित माना गया है. चूंकि तीसरी चोटी पर बहुत ज्यादा ढलान है. इस कारण इसे ट्रेकिंग के लिये सुरक्षित नहीं माना जाता है. रोप-वे के जरिये पर्यटक मुख्य चोटी के शीर्ष पर पहुंच जाते हैं. पहाड़ की चोटी एक बड़ा सा मैदान जैसा है. जहां लोग कुछ दूर रूकते हैं. खाते-पीते हैं और वापस रोप-वे के जरिये लौट आते हैं. इसे भी पढ़ें - Deoghar">https://lagatar.in/deoghar-eight-tourists-evacuated-air-force-ndrfs-hard-work-paid-off/">Deoghar

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