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सरकारें तो बदलती रहीं, पर नक्सल घटनाएं नहीं रूकी, 33 महीने में 20 जवान हुए शहीद

Ranchi: बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य बनने के दो दशक गुजर गए. इस दौरान कई सरकारें बदलीं. कई मुख्यमंत्री बने और कई मुख्यमंत्री सत्ता से दूर हुए. लेकिन नक्सलवाद की समस्या उस दौरान भी थी और आज भी है. भले नक्सली राज्य में कमजोर हुए हैं. लेकिन नक्सल वारदात पर रोक नहीं लग पायी है. समय-समय पर नक्सली और उग्रवादी संगठनों की ओर से वारदात को अंजाम दिया जा रहा है. पिछले 33 महीने के दौरान राज्य के अलग-अलग जिले में नक्सली हमले में 20 जवान शहीद हो गए. इसे भी पढ़ें - मां">https://lagatar.in/the-son-for-whom-the-mother-fasted-jiutia-snatched-her-only-support-from-her-on-the-same-day/">मां

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915 नक्सल मामले दर्ज हुए है

पुलिस मुख्यालय में दर्ज आंकड़ों पर गौर करें तो झारखंड में साल 2021 में नक्सल मामले ज्यादा दर्ज हुए हैं. साल 2019 और 2020 की तुलना में झारखंड में ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. जनवरी से जुलाई महीने तक झारखंड में साल 2021 में 216 नक्सल मामले दर्ज हुए हैं. साल 2020 में 174 और 2019 में 187 मामले दर्ज हुए हैं. पिछले 31 महीने के दौरान राज्य के अलग-अलग जिले में कुल में 915 मामले दर्ज हुए हैं.

देश के 25 अति नक्सल प्रभावित जिले में आठ झारखंड के जिले

देश के 25 अति नक्सल प्रभावित जिले में आठ झारखंड के जिले शामिल हैं. झारखंड में नक्सल प्रभावित 16 जिलों में रांची, बोकारो, चतरा, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, सरायकेला, पश्चिमी सिंहभूम शामिल है. वहीं 8 अति नक्सल प्रभावित जिले में चतरा, गिरिडीह, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, लातेहार, सरायकेला- खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम शामिल है.

माओवादियों के खिलाफ चल रहा पुलिस का डेवलपमेंट एक्शन प्लान

सारंडा एक्शन प्लान, सरयू एक्शन डेवलपमेंट प्लान, झुमरा एरिया डेवलपमेंट एक्शन प्लान, पारसनाथ एरिया डेवलपमेंट प्लान, चतरा एरिया डेवलपमेंट एक्शन प्लान, बानालात इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान, गिरिडीह-कोडरमा बॉर्डरिंग एरिया डेवलपमेंट प्लान, दुमका-गोड्डा बॉर्डरिंग एरिया डेवलपमेंट प्लान, खूंटी-सरायकेला-चाईबासा बॉर्डरिंग एरिया एक्शन प्लान, सिमडेगा खूंटी बॉर्डरिंग एरिया एक्शन प्लान, जमशेदपुर एरिया एक्शन प्लान, पलामू-चतरा एरिया एक्शन प्लान व गढ़वा लातेहार-पलामू बॉर्डरिंग एरिया एक्शन प्लान.

33 महीने में 20 जवान हुए शहीद

15 अप्रैल 2019: झारखंड के उग्रवाद प्रभावित जिला गिरिडीह में हुए मुठभेड़ में तीन माओवादी मारे गये. इस दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का एक जवान विश्वजीत चौहान भी शहीद हो गया. 2 जून 2019: दुमका के रानेश्वर थाना क्षेत्र स्थित कठलिया गांव में अहले सुबह चार बजे नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई. जिसमें एसएसबी का एक जवान नीरज छेत्री शहीद हो गया. 28 मई 2019: सरायकेला-खरसावां में मंसुबह पुलिस बलों रीडिंग व बुरुटोला जंगल इलाके में हुए आइईडी ब्लास्ट में 15 जवान घायल हो गये थे. जिनमें एक जवान की इलाज के दौरान कोलकाता में मौत हो गयी थी. 14 जून 2019: सरायकेला के तिरूलडीह साप्ताहिक बाजार में माओवादियों ने पुलिस पार्टी पर हमला किया. जिसमें युद्धिष्ठिर मलुवा, डिबरू पूर्ति, धनेश्वर महतो, मनोधन हांसदा, गोवर्धन पासवान शहीद हो गए थे. 4 अक्टूबर 2019: रांची के नामकुम में दशम फॉल के पास ऑपरेशन में एसाल्ट ग्रुप-19 के जवान अखिलेश राम, खंजन कुमार महतो शहीद हो गए थे. 22 नवंबर 2019: लातेहार के चंदवा में रवींद्र गंझू के दस्ता ने पुलिस पार्टी पर लुकईया मोड़ में हमला किया था. इस हमले में चंदवा थाने के एएसआई शंभू प्रसाद, सकींद्र सिंह, जमुना प्रसाद, सुकरा उरांव शहीद हो गए थे. 30 मई 2020: पश्चिमी सिंहभूम में अभियान के दौरान एएसपी नाथू राम मीणा के बॉडीगार्ड लखींद्र मुंडा और एक एसपीओ शहीद हो गए थे. 16 फरवरी 2021: लोहरदगा के नक्सल प्रभाव वाले सेरेंगदाग में आईईडी की चपेट में आने से लोहरदगा जिला पुलिस के दुलेश्वर प्रसाद शहीद हो गए थे. 4 मार्च 2021: चाईबासा के लांजी में एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान आईईडी ब्लास्ट में एसटीएफ के हरद्वार साह, किरण सुरीन, देवेंद्र कुमार पंडित शहीद हो गए थे. 28 सितंबर 2021: लातेहार में जेजेएमपी उग्रवादियों से हुए मुठभेड़ में झारखंड जगुआर के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार शहीद हो गए थे. इसे भी पढ़ें - शराब">https://lagatar.in/drunk-husband-killed-his-wife-by-strangulation-police-arrested-and-interrogated/">शराब

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