Kolkata : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा विधायकों के शपथ ग्रहण कराने के अधिकार स्पीकार से छीन लिये जाने की खबर है. राज्यपाल ने विधानसभा सचिवालय को इससे संबंधित आदेश जारी किया है. जान लें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा उपचुनाव रिकार्ड मतों से जीत लिया है और अपनी कुर्सी पर मंडराने वाला संवैधानिक संकट टाल दिया है, लेकिन राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने उनके संकट को बढ़ाने वाला फरमान जारी कर दिया है.
बता दें कि राज्य सरकार ने सात अक्तूबर को शपथ ग्रहण की तारीख तय करते हुए एक औपचारिक निमंत्रण भेजने का ऐलान कर दिया है, लेकिन अब एक बार फिर महामहिम और सरकार के बीच तल्खी बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं
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चार नवम्बर तक शपथ लेना जरुरी
ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए अगले माह चार नवम्बर को विधायक पद की शपथ लेना जरुरी है. लेकिन उपचुनाव के परिणाम घोषित होते ही राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने विधानसभा के स्पीकर बिमन बनर्जी से विधायकों को शपथ दिलवाने की शक्ति छीन ली है. कुछ माह पीछे जायें तो मार्च-अप्रैल में हुए बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से हारने के बाद ममता बनर्जी ने पांच मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
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राजभवन की तरफ से स्पीकर के कार्यालय को पत्र मिला
सूत्रों के अनुसार भबानीपुर और मुर्शिदाबाद जिले की दो सीटों पर हुए उपचुनाव से पूर्व ही राजभवन की तरफ से स्पीकर के कार्यालय को एक पत्र मिला था. इस पत्र में संविधान के अनुच्छेद 188 का जिक्र किया गया है, जो राज्यपाल को शपथ दिलवाने की शक्ति देता है.
विधानसभा के एक अधिकारी के अनुसार राजभवन के पत्र में लिखा है कि मंत्रियों और विधायकों को शपथ दिलवाने का अधिकार राज्यपाल को मिला है. बता दें राज्यपाल राजभवन में मंत्रियों को शपथ दिलवाते हैं. स्पीकर राज्यपाल के प्रतिनिधि के तौर पर सदन में विधायकों को शपथ दिलवाते हैं.