NewDelhi : मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक मोदी सरकार के लिए लगातार परेशानी का सबब बने हुए हैं. उनकी बयानबाजी रुक नहीं रही है. सत्यपाल मलिक ने 8 सितंबर को बार फिर मोदी सरकार पर जमकर हल्ला बोला. बुलंदशहर(यूपी) के औरंगाबाद क्षेत्र स्थित मुड़ी बकापुर गांव में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे सत्यपाल मलिक ने मोदी सरकार को किसानों और अग्निपथ योजना के मुद्दे पर घेरा.
इसे भी पढ़ें : ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा, भारतीय थल सेना, वायुसेना, नौसेना में हथियारों की कमी, मेक इन इंडिया इसकी वजह
जवान और किसान दोनों दुखी हैं
मलिक ने कहा कि आज देश की रक्षा करने वाला जवान और लोगों के पेट भरने वाला किसान दोनों दुखी हैं. मोदी सरकार को लेकर तल्ख शब्दों का प्रयोग करने वाले सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा कि वो अपनी जेब में इस्तीफा लेकर चलते हैं. अगर प्रधानमंत्री कहेंगे तो वो राज्यपाल पद से अपना इस्तीफा भी दे देंगे.
इसे भी पढ़ें : दिल्ली से लौटते ही नीतीश ने लालू यादव से की मुलाकात, आधे घंटे तक हुई बातचीत,कहा- बीजेपी इतिहास को खत्म कर रही
तो किसान और सरकार के बीच बड़ी लड़ाई होगी
सत्यपाल मलिक ने किसानों के मुद्दे पर कहा कि किसानों की एमएसपी की मांग पर अगर सरकार बात नहीं मानती तो किसान और सरकार के बीच बड़ी लड़ाई होगी. ऐसे में मैं राज्यपाल पद छोड़ कर किसानों का साथ देने के लिए उस लड़ाई में कूद पड़ूंगा.कहा कि सरकार जब तक एमएसपी को कानूनी दर्जा नहीं देती, तब तक किसानों की समस्या दूर नहीं होगी.
किसानों ने आंदोलन किया, कोई सुनवाई नहीं हुई
पत्रकारों से बातचीत के क्रम में कहा कि अगर मेरी बात से किसी को दुख पहुंच रहा है या चोट पहुंच रही है, तो वो अपना इस्तीफा साथ लेकर चलते हैं. वे अपने पद से तुरंत हट जायेंगे. उन्होंने कहा इतने दिनों से किसानों ने आंदोलन किया लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. मैं प्रधानमंत्री जी के पास गया और इस्तीफा अपनी जेब में रखकर गया और कहा कि किसानों के साथ अन्याय हो रहा है, इनकी बात सुनी जाये.
अग्निपथ योजना को जल्दी ठीक किया जाये
सत्यपाल मलिक ने कहा कि मैंने सरकार से कहा है कि अग्निपथ योजना को जल्दी ठीक किया जाये. अग्निपथ योजना ठीक नहीं है. इससे असंतुष्ट नौजवान अगर फौज में जायेंगे तो उनके हाथ में राइफल होगी और उसकी कोई दिशा नहीं होगी, पता नहीं किधर चल जाये. मलिक ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार काफी घमंड में रहती है. हो सकता है, इससे कुछ बुरा हो सकता है, तब शायद सरकार बैकफुट पर आये. कहा कि आज देश का पेट भरने वाला किसान और देश की रक्षा करने वाला जवान, दोनों दुखी हैं.