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राज्यपाल ने गृह मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट, झारखंड में भाषा विवाद, मॉब लिंचिग जैसी घटनाओं से कानून व्यवस्था हो सकती है प्रभावित

Ranchi  :  झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को झारखंड की वर्तमान स्थिति को लेकर एक रिपोर्ट भेजी है. रिपोर्ट में उन्होंने भाषा विवाद, मॉब लिंचिग, नक्सली घटना का जिक्र किया है. उन्होंने कहा है कि इन मुद्दों से विधि व्यवस्था के बिगड़ने की संभावना है. अपने रिपोर्ट में राज्यपाल ने इस बात का भी जिक्र किया है कि आगामी बजट सत्र और पंचायत चुनाव में उपरोक्त मुद्दों को लेकर विधि-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है. बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यपाल से हाल के दिनों में झारखंड में विभिन्न मुद्दों पर उठे विवाद और हंगामा के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी. इसे भी पढ़ें - सोनू">https://lagatar.in/fir-against-sonu-sood-in-moga-punjab-alleging-code-of-conduct-violation/">सोनू

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जानें किन मुद्दों पर गृह मंत्रालय ने मांगी थी रिपोर्ट

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जिन मुद्दों पर रिपोर्ट मांगी थी, उसमें मुद्दों पर भाषा विवाद एवं इसके विरोध में विभिन्न हिस्सों में हुए विरोध आंदोलन और मानव श्रृंखला, पूर्व सांसद के वाहन पर हमला, सीपीआइ माओवादी के जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक के अगस्त 2021 में कार्य छोड़ने, प्रशांत बोस उर्फ किसान दास (पीबीएम एंड सेक्रेटरी, इआरबी) एवं उनकी पत्नी शीला मरांडी (सीसीएम) के 12 नवंबर 2021 की गिरफ्तारी के बाद हिंसा और वारदात, पुलिस-एसएफएस पेट्रोलिंग पार्टी से हथियार लूटने जैसी घटना, संजय प्रधान व झरियो देवी मॉब लिचिंग कांड, पूर्व विधायक गुरुचरण नायक के ऊपर जानलेवा हमला एवं उनके अंगरक्षकों की हत्या व हथियार गोली की लूट, प्रेम सिंह सुरीन (एसपीओ) की हत्या, बैरम लुगुन की हत्या जैसे विषय शामिल हैं. मंत्रालय ने राज्यपाल से झारखंड में विभिन्न संगठनों द्वारा पेसा कानून लागू करने की मांग तथा अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत चुनाव कराये जाने का विरोध, नियोजन नीति एवं 1932 के कट ऑफ वर्ष के आधार पर स्थानीय नीति पर चल रहे जिक्र को लेकर भी विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी. इसे भी पढ़ें - फरलो">https://lagatar.in/dera-chief-gurmeet-ram-released-on-furlough-threatened-by-khalistan-supporters-gets-z-category-security/">फरलो

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डायन प्रथा की  रोकथाम के लिए सरकार ने शुरू किया है गरिमा प्रोजेक्ट

केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे अपने रिपोर्ट में राज्यपाल ने डायन प्रथा का भी जिक्र किया है. उन्होंने कहा है कि झारखंड में डायन हत्या एक विकराल सामाजिक बुराई है. लोग डायन का प्रकोप मान कर प्राय: किसी उम्रदराज महिला को डायन की संज्ञा देकर सामाजिक बहिष्कार करते हैं एवं हत्या भी कर दी जाती है. लचर स्वास्थ्य व्यवस्था, शिक्षा तथा अंध विश्वास इसके मुख्य कारण हैं. हालांकि इसे रोकने के लिए झारखंड सरकार के द्वारा अप्रैल 2020 में ‘गरिमा’ प्रोजेक्ट शुरू किया है. इसे भी पढ़ें - बक्सर">https://lagatar.in/buxar-successful-trial-of-agricultural-drone-farmers-problems-will-be-less/">बक्सर

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