: दुर्गापूजा में मनचलों पर नजर रखने के लिए सादे लिबास में तैनात रहेंगे पुलिसकर्मी इस मौके पर विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. मनीषा तिवारी ने सभी अभिभावकों का अभिवादन किया एवं बच्चों तथा बदलती पीढ़ी के साथ सामंजस्य किस प्रकार स्थापित करें कि उनके भविष्य एवं नैतिक मूल्यों का विकास हो सके, इसपर अपना अनुभव साझा किया. मौके पर कुछ दादा जी एवं नानाजी ने अपने विचार भी व्यक्त किए. जिनमें राधा कृष्ण विश्वकर्मा ने अपनी स्वरचित कविता का वाचन किया एवं सुरेंद्र नाथ ने विद्यालय को बच्चों का दूसरा घर बताते हुए शिक्षक-शिक्षिकाओं के योगदान को सराहा. वहीं शिवचंद्र मिश्र ने भी बच्चों एवं अभिभावकों में आ रहे अंतर को समझाया. कार्यक्रम के बीच-बीच में अभिभावकों के लिए मनोरंजक प्रतियोगिताएं भी हुई, जिनमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पाने वालों को विद्यालय की प्राचार्या के द्वारा उपहार देकर सम्मानित किया गया.
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